कुकी संगठन ने मेइती विधायक के राहत शिविर दौरे की आलोचना की, कहा-‘सोची-समझी राजनीतिक कवायद’
कुकी संगठन ने मेइती विधायक के राहत शिविर दौरे की आलोचना की, कहा-‘सोची-समझी राजनीतिक कवायद’
इंफाल, नौ दिसंबर (भाषा) एक कुकी संगठन ने मणिपुर के उखरुल जिले में एक राहत शिविर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक वाई. खेमचंद सिंह के दौरे की निंदा करते हुए दावा किया कि यह कोई वास्तविक चिंता नहीं, बल्कि ‘‘सोची-समझी राजनीतिक कवायद’’ है।
मेइती समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सिंह ने सोमवार को उखरुल जिले में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां कुकी समुदाय के लोग जातीय हिंसा के कारण बेघर होने के बाद से रह रहे हैं।
मई 2023 में हिंसा भड़कने के बाद कुकी और मेइती समुदाय एक-दूसरे के इलाकों में नहीं जाते, जिससे राज्य जातीय आधार पर मानो बंट सा गया है। सिंह ऐसे पहले नेता हैं जिन्होंने इस विभाजन को पार करते हुए दूसरे समुदाय के राहत शिविर का दौरा किया।
नगा-बहुल उखरुल जिले में समुदाय की शीर्ष संस्था ‘कुकी इंपी उखरुल’ ने सिंह के दौरे की आलोचना करते हुए उन्हें ‘‘बिन बुलाया मेहमान’’ करार दिया।
एक बयान में कहा गया, ‘‘कुकी इंपी उखरुल, लिटन सारेखोंग राहत शिविर में विधायक वाई. खेमचंद के बिन बुलाए पहुंचने और अनधिकृत दौरे की स्पष्ट और कड़ी निंदा करता है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ढेरों सुरक्षाकर्मियों के साथ उनका अचानक आना, प्रोटोकॉल और शिष्टाचार का गंभीर उल्लंघन है।’’
संगठन ने दावा किया कि यह दौरा अस्वीकार्य है और न्याय की प्रतीक्षा कर रहे समुदाय के लिए बेहद अपमानजनक है।
इसमें आरोप लगाया गया, ‘‘यह दौरा कोई वास्तविक चिंता नहीं, बल्कि एक सोची-समझी राजनीतिक कवायद थी।’’
शिविर के प्रभारी एल. बाइटे ने कहा कि विधायक ‘‘बिना किसी पूर्व सूचना के और भाजपा के कई कार्यकर्ताओं के साथ’’ पहुंचे।
बाइटे ने दावा किया कि उन्होंने ‘‘जिम्मेदार लोगों’’ की अनुपस्थिति का फायदा उठाया और ‘‘भोले-भाले बच्चों’’ के साथ तस्वीरें खिंचवाईं।
जातीय संघर्षों में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं। संकट से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं के बीच भाजपा नेता एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से राज्य में फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।
भाषा
खारी मनीषा
मनीषा

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