कुवैत अग्निकांड : कोट्टायम के दो परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़

कुवैत अग्निकांड : कोट्टायम के दो परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़

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  • Publish Date - June 13, 2024 / 04:25 PM IST,
    Updated On - June 13, 2024 / 04:25 PM IST

कोट्टायम (केरल), 13 जून (भाषा) केरल के पम्पाडी के रहने वाले, तीन भाईयों में सबसे बड़े, 29 वर्षीय स्टेफिन अब्राहम साबू पिछले 13 वर्षों से किराये के मकान में रहने के बाद अगस्त तक अपने नवनिर्मित घर में जाने के लिए उत्साहित थे। हालांकि उनके किराये के मकान में रह रहे परिवार में तब शोक की लहर छा गई, जब अपुष्ट खबरें आईं कि कुवैत में लगी आग वाली इमारत में वह भी मौजूद थे।

कुवैत अग्निकांड में 40 भारतीयों सहित कुल 49 लोगों की मृत्यु हो गई है।

मकान मालिक ने बताया, ‘दो दिन पहले ही उसने अपनी मां को फोन करके नए घर के निर्माण कार्य के बारे में पूछा था। वे लोग भी अपने नए घर में जाने को लेकर उत्साहित थे। वे यहां 13 साल से किराए पर रह रहे हैं।’

साबू की शादी की भी तैयारी चल रही थी। मकान मालिक ने कहा, ‘कुछ भी तय नहीं था। परिवार वालों ने लड़की को देखा था। वे साबू के लौटने और नए घर में जाने के बाद प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे थे।’

उन्होंने साबू को बेहतरीन और एक मेहनती छात्र के रूप में याद किया। उन्होंने कहा, ‘उसके भाई भी पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। सबसे छोटा भाई इजराइल में काम कर रहा है और बीच वाला कुवैत में।’

स्टेफिन साबू के अलावा कोट्टायम निवासी 27 वर्षीय श्रीहरि प्रदीप भी कुवैत की उसी इमारत में रह रहे थे, जिसमें आग लगी थी। उसके पिता प्रदीप भी कुवैत में काम कर रहे हैं।

परिवार के एक मित्र ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीहरि पिछले सप्ताह 5 जून को कुवैत वापस चले गए थे। उन्होंने कहा, ‘मुश्किल से एक हफ्ते बाद ही उनकी मौत की खबर यहां आई। हमें कल दोपहर को इसकी जानकारी मिली। टीवी पर इस त्रासदी के बारे में खबरें आ रही थीं, इसी बीच उनके पिता ने परिवार को इसकी सूचना दी।’

उन्होंने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित नौकरी नहीं मिलने तक श्रीहरि कुवैत में एक सुपरमार्केट में काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘उनके पिता आज केरल वापस आने की कोशिश कर रहे हैं और कल तक श्रीहरि का शव वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’

केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ-साथ कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने भी आग में मारे गए भारतीयों की पहचान की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

कुवैत के अधिकारियों के अनुसार, यहां के अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ में स्थित सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में करीब 40 भारतीयों सहित 49 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए हैं।

यह आग रसोईघर में बुधवार सुबह करीब चार बजे लगी, जिस वक्त 195 कामगारों में से ज्यादातर सो रहे थे।

कुवैत के गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग लगने से चारों ओर काला धुआं भर गया और ज्यादातर पीड़ितों की दम घुटने से मृत्यु हो गई।

भाषा स्वाती स्वाती मनीषा

मनीषा