उद्योगों की कमी, बेरोजगारी, कुशल कार्यबल का पलायन हैं केंद्रपाड़ा के प्रमुख मुद्दे

उद्योगों की कमी, बेरोजगारी, कुशल कार्यबल का पलायन हैं केंद्रपाड़ा के प्रमुख मुद्दे

  •  
  • Publish Date - May 15, 2024 / 01:39 PM IST,
    Updated On - May 15, 2024 / 01:39 PM IST

(मनोज कार)

केंद्रपाड़ा, 15 मई (भाषा) उद्योगों की कमी, बेरोजगारी और कुशल कार्यबल का पलायन तटीय ओडिशा के केंद्रपाड़ा लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुद्दे हैं, जहां से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा प्रदेश की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के अंशुमान मोहंती के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

केंद्रपाड़ा संसदीय क्षेत्र में दिवंगत बीजू पटनायक और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि रे सहित कई राजनीतिक दिग्गज अतीत में लोकसभा पहुंचे हैं।

इस बार मुकाबला मुख्य रूप से पांडा और मोहंती के बीच है। हालांकि, कांग्रेस के सिद्धार्थ स्वरूप दास भी मैदान में हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। केंद्रपाड़ा लोकसभा सीट पर एक जून को मतदान होना है।

यह तटीय क्षेत्र मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान क्षेत्र है जिसमें लोग जीविका के लिए खेती पर काफी हद तक निर्भर हैं।

लोकसभा और राज्य विधानसभा में कई राजनीतिक दिग्गजों को भेजने के बावजूद यह जिला अभी भी औद्योगिक मानचित्र में नहीं है। हालांकि नवीन पटनायक सरकार ने पिछले साल दिसंबर में केंद्रपाड़ा जिले के महाकालपाड़ा ब्लॉक में 1,02,275 करोड़ रुपये की मेगा स्टील परियोजना स्थापित करने के आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

कुशल कार्यबल का पलायन यहां एक आम मुद्दा है क्योंकि यहां रोजगार के अवसर बेहद कम हैं। इस क्षेत्र के कुशल ठठेरों (प्लंबर) ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। अपनी कारीगरी और निपुणता के लिए यहां के ठठेरों की मांग भी रहती है।

विदेशों में यहां के ठठेरों का लगातार पलायन चिंता का सबब है। केरल की नर्सों की तरह, केंद्रपाड़ा के ठठेरों की खाड़ी देशों में बहुत मांग हैं।

क्षेत्र में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य और समुद्र तट भी हैं, जिसका उपयोग अभी तक इकोटूरिज्म से संबंधित अर्थव्यवस्था के लिए नहीं किया गया है।

केंद्रपाड़ा शहर के एक बुजुर्ग मतदाता सुभाष चंद्र मोहंती ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है, कोई भी जीते, यहां कोई बदलाव दिखाई नहीं देगा। केंद्रपाड़ा जैसा पहले था, वैसा ही रहेगा… , हालांकि सड़क बुनियादी ढांचे, नदी पर पुलों और रेल लाइनों के रूप में बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, लेकिन रोजगार के अवसर यहां के युवाओं से दूर हैं।’’

उद्योगपति पांडा 2009 और 2014 में बीजद के टिकट पर केंद्रपाड़ा सीट से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह 2000 से 2009 तक दो बार बीजद के राज्यसभा सांसद भी रहे। पांडा को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में नवीन पटनायक नीत बीजद से निलंबित कर दिया गया था और बाद में उन्होंने पार्टी के साथ-साथ लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया था।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पांडा बीजद के अनुभव मोहंती से 1,81,483 मतों के अंतर से हार गए थे।

बीजद उम्मीदवार व पूर्व विधायक मोहंती पहले कांग्रेस में थे। चुनावों की घोषणा के बाद वह बीजद में शामिल हुए थे।

कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ स्वरूप दास को विधानसभा या लोकसभा चुनाव का कोई अनुभव नहीं है।

पर्यवेक्षकों के अनुसार, चुनावी लड़ाई मुख्य रूप से भाजपा के पांडा और बीजद के मोहंती के बीच होगी। मोहंती दिग्गज नेता दिवंगत नलिनिकांत मोहंती के बेटे हैं, जिन्हें 2000 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बीजद से निष्कासित कर दिया था।

आउल, महाकालपाड़ा, राजनगर, केंद्रपाड़ा, पटकुरा, किशननगर और महांगा विधानसभा क्षेत्र केंद्रपाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आते हैं, जो कटक जिले के कुछ हिस्सों के साथ केंद्रपाड़ा जिले में फैला हुआ है। गौरतलब है कि इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा सीटें बीजद के खाते में गई थीं।

इस संसदीय क्षेत्र में 17,91,112 मतदाता हैं, जिनमें से 42,181 मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। इसमें 9,26,275 पुरुष मतदाता और 8,64,837 महिलाएं हैं।

बीजू पटनायक ने 1977, 1980 और 1984 में लगातार तीन बार यहां से जीत दर्ज की थी।

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि राय ने 1989 और 1991 में केंद्रपाड़ा से लगातार चुनाव जीता था।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा