लखीमपुर खीरी हिंसा: किसान नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री, उनके बेटे को गिरफ्तार किये जाने की मांग की |

लखीमपुर खीरी हिंसा: किसान नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री, उनके बेटे को गिरफ्तार किये जाने की मांग की

लखीमपुर खीरी हिंसा: किसान नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री, उनके बेटे को गिरफ्तार किये जाने की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : October 9, 2021/6:56 pm IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को गिरफ्तार करने की शनिवार को मांग की और घटना को ‘‘आतंकी हमला’’ और ‘‘पूर्व नियोजित साजिश’’ का हिस्सा करार दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 11 अक्टूबर तक मांगें पूरी नहीं होने पर वे लखीमपुर खीरी से ‘‘शहीद किसान यात्रा’’ निकालेंगे। मोर्चा ने किसान संगठनों से 12 अक्टूबर को प्रार्थना सभा आयोजित करने की भी अपील की और लोगों से उस शाम अपने घरों के बाहर मोमबत्तियां जलाने का आग्रह किया।

मोर्चा ने कहा कि किसान हिंसा के विरोध में दशहरा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंकेंगे। मोर्चा ने 18 अक्टूबर को पूर्वान्ह्र 10 बजे से शाम चार बजे तक देशभर में ‘‘रेल रोको’’ आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में ‘‘महापंचायत’’ का आह्वान किया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन ने कथित तौर पर टक्कर मार दी थी। अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और उनका चालक शामिल था।

किसानों ने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा एक वाहन में थे, हालांकि उन्होंने इस आरोप से इनकार किया है।

एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अजय मिश्रा को ‘‘मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए और उन्हें हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।’’ किसान नेता ने आरोप लगाया, ‘‘वह मामले में दोषियों को भी बचा रहे हैं।’’

उन्होंने मांग की कि उनके बेटे आशीष मिश्रा और उनके साथियों, जिन पर हत्या का आरोप लगाया गया है, को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यादव ने कहा, ‘‘अगर सरकार 11 अक्टूबर तक हमारी मांगें नहीं मानती है, तो हम मारे गए किसानों की अस्थियों को लेकर लखीमपुर खीरी से ‘शहीद किसान यात्रा’ निकालेंगे।’’

यादव ने कहा कि घटना में मारे गए चार किसानों और पत्रकार को श्रद्धांजलि देने के लिए 12 अक्टूबर को तिकोनिया, लखीमपुर खीरी में एक ‘‘अंतिम अरदास’’ आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी किसान संगठनों को 12 अक्टूबर को अपने-अपने स्थानों पर प्रार्थना सभा आयोजित करनी चाहिए।’’ उन्होंने लोगों से उस शाम अपने घर के बाहर मोमबत्तियां जलाने की अपील की।

किसान नेता दर्शन पाल ने दावा किया कि यह घटना अचानक नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने 25 सितंबर को लखीमपुर खीरी में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ टिप्पणी की। यह तीन अक्टूबर को हुई घटना की पृष्ठभूमि है। वीडियो फेसबुक पर है। यह घटना एक आतंकी हमला है और पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है।’’

किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने दावा किया कि सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे।’’

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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