लखीमपुर हिंसा: तीन किसानों की अंत्येष्टि, एक के परिजन की दोबारा पोस्टमार्टम की मांग प्रशासन ने मानी |

लखीमपुर हिंसा: तीन किसानों की अंत्येष्टि, एक के परिजन की दोबारा पोस्टमार्टम की मांग प्रशासन ने मानी

लखीमपुर हिंसा: तीन किसानों की अंत्येष्टि, एक के परिजन की दोबारा पोस्टमार्टम की मांग प्रशासन ने मानी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : October 5, 2021/7:29 pm IST

लखीमपुर खीरी/बहराइच (उप्र), पांच अक्टूबर (भाषा) केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में लखीमपुर खीरी में रविवार को प्रदर्शन के दौरान तेज रफ्तार एसयूवी से कथित तौर पर कुचले गये चार किसानों में से तीन का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि एक मृतक के परिजन शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग करते हुए उसका दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया।

परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के एक अधिकारी और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता राकेश टिकैत भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच प्रशासन ने गुरविंदर के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए अनुमति दे दी है।

लखनऊ से पोस्टमार्टम विशेषज्ञों की एक टीम मंगलवार शाम हेलीकॉप्टर से बहराइच पुलिस लाइन पहुंची।

रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में एसयूवी से कथित तौर पर कुचलकर मरने वाले चार किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो बहराइच जिले के रहने वाले थे। चारों किसानों के शव सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद संबंधित परिवारों को सौंप दिये गये थे।

लखीमपुर खीरी जिले के पलिया में दोपहर बाद सतनाम सिंह ने अपने पुत्र लवप्रीत सिंह (19) का अंतिम संस्कार किया। शुरू में सतनाम अपने बेटे के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन बाद में किसान नेता राकेश सिंह टिकैत के हस्तक्षेप पर वह मान गये और अंतिम संस्कार किया गया।

टिकैत जिला मुख्यालय से करीब 86 किलोमीटर दूर पलिया में अंतिम संस्कार में शामिल हुए। लखीमपुर खीरी में धौरहरा तहसील के नछत्तर सिंह (60-65) के पार्थिव शरीर को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में तैनात उनके पुत्र मनदीप सिंह ने मुखाग्नि दी।

बहराइच में दलजीत सिंह (42) के परिजनों ने अंतिम संस्कार किया लेकिन, बहराइच में मटेरा तहसील के गुरविंदर सिंह (22) का अंतिम संस्कार अभी किया जाना है। मटेरा थाना अंतर्गत मोहरनिया गांव निवासी गुरविंदर सिंह के परिजनों ने युवक के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उनका आरोप है कि गुरविंदर को गोली मारी गयी है और झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने का जिक्र नहीं है।

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को गुरविंदर के पिता से फोन पर बात कर उन्हें सांत्वना दी।

आज सुबह गुरविंदर के निवास मोहरनिया गांव पहुंची किसान आंदोलन समर्थक पंजाबी फिल्म कलाकार सोनिया मान ने मृतक परिजनों की ओर से मीडिया के समक्ष पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिखाते हुए आरोप लगाया कि ‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा है कि इन्हें गोली नहीं लगी, जबकि गोली उनके कान के पास लगी और इससे उनकी मृत्यु हुई है। झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।’

मान ने राज्‍य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘अब वह प्रशासन के माध्यम से दबाव बनाकर चाहते हैं कि अंतिम यात्रा निकल जाए और शव से सारे सबूत मिट जाएं। इस तरह शव को अंतिम यात्रा पर नहीं भेजा जाएगा। हम मृत शरीर का दोबारा पोस्टमार्टम कराना चाहते हैं। यह पोस्टमार्टम दिल्ली में होना चाहिए।’

मृतक किसानों के शव सोमवार को देर रात घर लाए गये थे। आज सुबह से ही प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी दोनों गांवों में पहुंच कर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनाने में लगे थे।

अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार ने कहा कि ‘गुरविंदर के परिजन दोबारा पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं, इस मांग पर फैसला वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।’

इस बीच गुरविंदर सिंह के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने मंगलवार शाम मटेरा थाना अंतर्गत मोहरनिया गांव में गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार पहुंचे। उन्होंने परिजनों व किसान नेताओं से बातचीत करके अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया।

लखनऊ से पोस्टमार्टम विशेषज्ञों की एक टीम मंगलवार शाम हेलीकॉप्टर से बहराइच पुलिस लाइन पहुंची। एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार व तमाम वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी गांव में मौजूद रहकर मृतक परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश में लगे थे। परिजनों व किसान यूनियन नेताओं के नहीं मानने पर प्रशासन को दोबारा पोस्टमार्टम के लिए सहमत होना पड़ा।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम की तैयारी कर ली गयी है और शव को बहराइच लाने के लिए वाहन भेजा जा चुका है। जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में मृतक किसान के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

किसान नेता राकेश टिकैत भी मंगलवार शाम मोहरनिया गांव पहुंचे। टिकैत लगातार किसान यूनियन के पहले से मौजूद नेताओं के माध्यम से परिजनों के सम्पर्क में रहकर आगे की रणनीति पर सलाह दे रहे थे।

भाषा सं आनन्द अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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