दिवंगत खगोल वैज्ञानिक जयंत नारलीकर को विज्ञान रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया
दिवंगत खगोल वैज्ञानिक जयंत नारलीकर को विज्ञान रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नारलीकर को शनिवार को ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ के लिए चुना गया। यह देश का शीर्ष विज्ञान पुरस्कार है।
नारलीकर का 86 वर्ष की आयु में 20 मई को निधन हो गया था।
नारलीकर ने ‘बिग बैंग’ सिद्धांत को चुनौती दी, जिसके अनुसार ब्रह्मांड एक ही क्षण में बना था। उन्होंने ब्रिटिश खगोलशास्त्री फ्रेड हॉयल के साथ मिलकर यह प्रतिपादित किया कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है और अनंत काल तक नए पदार्थों का निरंतर निर्माण होता रहा है।
सरकार ने 2025 के लिए आठ ‘विज्ञान श्री’ पुरस्कारों की भी घोषणा की। इनमें ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह (कृषि विज्ञान), यूसुफ मोहम्मद शेख (परमाणु ऊर्जा), के. थंगराज (जैविक विज्ञान), प्रदीप थलप्पिल (रसायन विज्ञान), अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित (इंजीनियरिंग विज्ञान), एस. वेंकट मोहन (पर्यावरण विज्ञान), माहन एमजे (गणित और कंप्यूटर विज्ञान) और जयन एन (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी) शामिल हैं।
इसके अलावा, 14 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की गई।
सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) अरोमा मिशन टीम, जिसने जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर मिशन की शुरुआत की, को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान माना जाता है, 2023 में शुरू किया गया था।
भाषा सुभाष माधव
माधव

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