वकील ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता पर हमला करने की चेष्टा की, अदालत ने बार निकाय से कार्रवाई करने को कहा

वकील ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता पर हमला करने की चेष्टा की, अदालत ने बार निकाय से कार्रवाई करने को कहा

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  • Publish Date - April 25, 2024 / 08:17 PM IST,
    Updated On - April 25, 2024 / 08:17 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने सुनवाई के दौरान एक वकील द्वारा बचाव पक्ष के अधिवक्ता को ‘अनावश्यक रूप से भड़काने’ तथा उस पर हमला की कोशिश करने की घटना के बाद बार निकायों को उपयुक्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रेणु महिलाओं को घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत एक मामले की सुनवाई कर रही थीं जो शिकायत की पोषणीयता पर बहस के लिए सूचीबद्ध था।

इस शिकायत में याचिकाकर्ता स्वाति त्यागी तथा प्रतिवादी हिम त्यागी हैं।

मजिस्ट्रेट ने 22 अप्रैल को एक आदेश में कहा, ‘‘जब प्रतिवादी के वकील (वैभव निझवा) दलीलों के जवाब में अपनी बातें रख रहे थे तब याचिकाकर्ता के वकील (अनुज अग्रवाल) अदालत की चेतावनी के बावजूद हस्तक्षेप कर प्रतिवादी के वकील को अनावश्यक रूप से भड़का रहे थे।’’

मजिस्ट्रेट ने कहा कि अग्रवाल ने निझवा पर ‘प्रहार करने की कोशिश की’ तथा सह वकीलों दिव्या त्रिपाठी एवं सिमरन बाटी को ‘धक्का’ भी दिया।

मामले में सुनवाई स्थगित करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘इस आदेश की प्रति रोहिणी अदालत बार एसोसिएशन तथा बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के पास भी उपयुक्त कार्रवाई के लिए भेजी जाए। अगली सुनवाई के दिन (22 अगस्त को) (कार्रवाई) रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’

ऐसे मामलों में वकीलों के निकायों की प्रक्रिया बताते हुए बार ‘काउंसिल ऑफ दिल्ली’ के उपाध्यक्ष संजीव नसियार ने कहा कि काउंसिल दोनों पक्षों को बुलाएगी तथा जांच करेगी।

नसियार ने कहा, ‘‘हम ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई कर सकते हैं। यदि किसी वकील के खिलाफ पेशेवर कदाचार का मामला साबित हो जाता है तो हम लाइसेंस या पंजीकरण निलंबित करने जैसा कड़ा कदम उठा सकते हैं। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली मामले के तथ्यों के आधार पर कड़ी चेतावनी भी दे सकती है।’’

भाषा राजकुमार अविनाश

अविनाश