कोलकाता में पीएफआई दफ्तर के आसपास जनजीवन सामान्य |

कोलकाता में पीएफआई दफ्तर के आसपास जनजीवन सामान्य

कोलकाता में पीएफआई दफ्तर के आसपास जनजीवन सामान्य

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : September 29, 2022/2:54 pm IST

कोलकाता, 29 सितंबर (भाषा) कोलकाता में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की छापेमारी के बाद प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तर को सील किए जाने के पश्चात अब आसपास के इलाके में आम जनजीवन फिर सामान्य हो रहा है।

इस मामले में खुलकर कुछ बोलने से लोग हालांकि अब भी परहेज कर रहे हैं लेकिन स्थानीय लोगों पर आगामी दुर्गा पूजा का रंग चढ़ता नजर आ रहा है और वे सड़कों पर आम दिनों की तरह अपने पसंदीदा नाश्ते का आनंद लेते नजर आए।

शहर के तिलजला इलाके में इमारत संख्या 59सी में पीएफआई का दफ्तर था। स्थानीय लोगों की दिलचस्पी हालांकि 22 सितंबर को हुई छापेमारी और बुधवार को इस्लामी संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध के बारे में बात करने में कम ही नजर आई।

स्थानीय लोग सामान्य बातचीत करते और एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछते नजर आए। स्थानीय कबाब, झाल मुरी व कचौरी के स्टाल पर भी लोग अपने पसंदीदा नाश्ते का लुत्फ उठाते नजर आए। स्थानीय औषधालय के सामने भी लोग आम दिनों की तरह कतारबद्ध नजर आए।

इमारत से कुछ ही दूरी पर दुर्गा पूजा उत्सव की तैयारियां हो रही हैं और इसके लिए पंडाल लगाया गया है।

इमारत 59सी का रखरखाव करने के काम से जुड़े लोगों में से एक 74 वर्षीय मोहम्मद अब्बास ने कहा कि पीएफआई का कार्यालय इमारत में चौथी मंजिल पर स्थित था।

अब्बास ने कहा, “मैं 22 सितंबर को सुबह पौने चार बजे मुख्य दरवाजे पर तेज दस्तक के बाद उठा। जब मैंने दरवाजा खोला तो एनआईए के अधिकारी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ अंदर दाखिल हुए तथा पीएफआई कार्यालय जाकर सभी दस्तावेज जब्त कर लिए।”

उल्लेखनीय है कि असम पुलिस ने पिछले हफ्ते दिल्ली से पीएफआई की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष मिनारुल शेख को गिरफ्तार किया था।

इस बीच कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “जो लोग आदर्शों की बात करते हैं उन्हें अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए और राष्ट्रीय स्वसेवक संघ (आरएसएस) की गति‍विधियों को देखना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि यह कारण केंद्र को स्पष्ट करना है कि पीएफआई को आतंकी संगठन से क्यों जोड़ा गया है और इस मामले से कांग्रेस को जोड़ने की कोई वजह नहीं है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस को इस मुद्दे में घसीटने की कोशिश कर भाजपा यह साबित कर रही है कि वह कुछ खेल कर रही है।”

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)