पहाड़ पर खिला कमल, लेकिन हारे धूमल
पहाड़ पर खिला कमल, लेकिन हारे धूमल
हिमाचल प्रदेश ने एक बार फिर अपना इतिहास दोहराया है। ऐसा हमें इसलिए लिखना पढ़ा क्योंकि हिमाचल में पिछले कुछ विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां की जनता ने लगातार अल्टरनेटिव बहुमत दिया है। 2009 में जहां भाजपा को बहुमत मिला और प्रेम कुमार धुमल के नेतृत्व में सरकार बनी वहीं साल 2012 में हिमाचल ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और पार्टी ने अपने कद्दावर नेता विरभद्र सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई। इसी तरह वर्तमान में हिमाचल की जनता ने एक बार फिर भाजपा को बहुमत देकर अपना वोटिंग पेट्रर्न जारी रखा है।
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लेकिन यहां अपको यह बताना जरूरी है कि ऐसा सिर्फ जनता के वोटिंग पेट्रर्न के कारण नहीं बल्कि मौजूदा सरकार की निष्क्रियता और वीरभ्रद्र सिंह परिवार पर लगातार लगते भ्रष्टाचार के आरोप भी रहे।
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बात करें भाजपा के चुनावी चेहरे कि तो यहां पार्टी ने अपने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धुमल को पार्टी ने अपना चेहरा बनाया था लेकिन वे अपनी सीट तक नहीं बचा पाए। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि हिमाचल में कमल तो खिला लेकिन उनका माली अपनी सीट नहीं बचा पाया। इसके बाद अब भाजपा के सामने हिमाचल में अपना नेता चुनने की चुनौती होगी।
वेब डेस्क, IBC24

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