मप्र: चंदेरी नगरपालिका के 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाया गया, धर्मांतरण की चेतावनी दी

मप्र: चंदेरी नगरपालिका के 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाया गया, धर्मांतरण की चेतावनी दी

मप्र: चंदेरी नगरपालिका के 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाया गया, धर्मांतरण की चेतावनी दी
Modified Date: October 14, 2025 / 11:27 pm IST
Published Date: October 14, 2025 11:27 pm IST

अशोकनगर (मध्यप्रदेश), 14 अक्टूबर (भाषा) अशोकनगर जिले के चंदेरी नगरपालिका से हटाए गए करीब 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें 10 दिनों के भीतर बहाल नहीं किया गया, तो वे सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन को बाध्य होंगे।

इस चेतावनी से पहले इन कर्मचारियों ने प्रशासन से सामूहिक धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगी थी, जिसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि संविधान उसे ऐसी इजाजत देने की अनुमति नहीं देता।

इन दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने मंगलवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचकर सामूहिक धर्म परिवर्तन की अनुमति के लिए आवेदन दिया और आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अधिकांश पार्षदों की मिलीभगत से 153 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है, जिससे उनके परिवार ‘भुखमरी की कगार’ पर आ गए हैं।

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कर्मचारियों के आवेदन को वापस लौटाते हुए चंदेरी सब डिवीजन मजिस्ट्रेट (एसडीएम) शुभ्रता त्रिपाठी ने उनसे कहा, ‘‘कोई भी सक्षम अधिकारी आपको इसकी अनुमति नहीं देगा। यह आपका स्व विवेक है और संविधान में स्पष्ट लिखा है ‘स्वतः’।’’

धर्म परिवर्तन से तात्पर्य अपने धार्मिक संप्रदाय को छोड़कर किसी अन्य धर्म के विश्वासों को अपनाना तथा पालन करना होता है।

एसडीएम को सौंपे गए आवेदन में बताया गया है कि कर्मचारियों को हटाने का निर्णय 23 सितंबर को नगरपालिका की एक विशेष बैठक में लिया गया था।

हटाए गए कर्मचारियों में शुमार सत्यम मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी के दबाव में बैठक में कुल 16 पार्षदों में से 12 ने उन्हें हटाने के पक्ष में सहमति दी।

उन्होंने कहा कि हटाए गए अधिकांश कर्मचारी वर्षों से सेवा दे रहे थे और इनमें 95 प्रतिशत से अधिक सनातन धर्म के अनुयायी हैं।

मिश्रा ने कहा, ‘‘यदि आगामी 10 दिनों के भीतर कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो वे सामूहिक रूप से सनातन धर्म त्यागकर अन्य धर्म अपनाने के लिए बाध्य होंगे।’’

उन्होंने कहा कि कर्मचारी यह कदम भारी मन से उठा रहे हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा उन सभी पार्षदों की होगी, जिन्होंने उन्हें हटाने के पक्ष में निर्णय लिया।

कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो दीपावली के बाद वे सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करेंगे।

अनुच्छेद 25 के तहत भारतीय संविधान धर्म को मानने, प्रचार करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति अपने धार्मिक विश्वासों को जबरन थोपने पर मजबूर नहीं करेगा।

भाषा सं ब्रजेन्द्र

धीरज

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