माकन ने की ‘महामूर्खता की बात’, उनकी हार की पटकथा तभी लिख दी गई थी जब कार्तिकेय प्रत्याशी बने: किरण |

माकन ने की ‘महामूर्खता की बात’, उनकी हार की पटकथा तभी लिख दी गई थी जब कार्तिकेय प्रत्याशी बने: किरण

माकन ने की ‘महामूर्खता की बात’, उनकी हार की पटकथा तभी लिख दी गई थी जब कार्तिकेय प्रत्याशी बने: किरण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : July 20, 2022/4:20 pm IST

(अनवारुल हक)

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में हार को लेकर पार्टी महासचिव अजय माकन की एक टिप्पणी को ‘महामूर्खता’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि माकन एक गहरे षड्यंत्र का ‘मोहरा’ हैं तथा उनकी हार की पटकथा उसी दिन लिख दी गई थी जिस दिन कार्तिकेय शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार बने थे।

चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह बात कही। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी किया कि जब दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा चुनाव लड़े तो भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार खड़ा क्यों नहीं किया और कोई ‘स्याही कांड’ क्यों नहीं हुआ?

उल्लेखनीय है कि भाजपा और जननायक जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत के खिलाफ माकन ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

माकन ने 18 जुलाई को कहा था, ‘‘जब किरण चौधरी वोट डालने के बाद बाहर आईं, तो उन्होंने खुद कहा था कि उन्होंने उम्मीदवार के नाम के आगे ‘टिक मार्क’ लगाया था। हमने बैलट नंबर देखा था, जिस पर टिक मार्क लगाया गया था और उसके सीरियल नंबर की जांच भी की थी और इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं कि खारिज किया गया वोट किरण चौधरी का था।’’

उन्होंने यह भी कहा था, ‘‘लेकिन एक बात जो है, एक ही समय में किरण चौधरी की गलती और हमारी पार्टी के अधिकृत एजेंट की गलती सांख्यिकीय रूप से असंभव लगती है। इसलिए उन्हें यह बताना होगा कि गलती किससे हुयी और किसने जानबूझकर की, क्योंकि दोनों एक ही समय में गलती नहीं कर सकते।’’

उनके इसी बयान पर किरण चौधरी ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ माकन ने महामूर्खता वाली और बचकानी बात कही है। ये स्पष्ट नजर आता है कि उन्हें सिखाकर भेजा जा रहा है। उन्हे यही समझ नहीं आ रहा, जिन्होंने उनके खिलाफ साजिश की है, उन्हीं का वह मुखपत्र बन रहे हैं। वरिष्ठ नेता होने के नाते अच्छा होता कि वह ये बात पार्टी के मंच पर उठाते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में यह कोई पहली बार नहीं, बल्कि तीसरी बार षड्यंत्र हुआ है। ये षड्यंत्र कौन करता है, यह सबको मालूम है। यह सिलसिला 2004 चला आ रहा है। 2004 के राज्यसभा चुनाव में एक वोट रद्द करवाकर मुझे हरवाया गया था। मेरी याचिका आज भी उच्चतम न्यायालय में लंबित है। आज तक मुझे पता नहीं चला कि वो किसका वोट था जो रद्द हुआ। इसी तरह 2016 में ‘स्याही कांड’ हुआ। पेन ही बदल दिया गया। कांग्रेस उम्मीदवार आरके आनंद हर जगह फिर लिए, अभी तक पता नहीं चला कि यह सब किसने किया था।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब तक याचिका के जरिये अदालत आदेश नहीं करे तब तक आप वोट का पता नहीं कर सकते। अगर ऐसा होता तो हमने अब तक 2004 और 2016 के वोट का पता लगा लिया होता। फिर इन लोगों को कैसे पता चला?’’

उल्लेखनीय है कि 2016 में हरियाणा राज्यसभा चुनाव में अलग स्याही वाले पेन का उपयोग करने से कांग्रेस के कई विधायकों के वोट रद्द हो गए थे और निर्दलीय सुभाष चंद्रा जीते थे। कांग्रेस उम्मीदवार आरके आनंद हार गए थे।

हरियाणा विधानसभा की पूर्व नेता प्रतिपक्ष किरण चौधरी ने कहा, ‘‘यह सब एक षड्यंत्र के तहत है और वह (माकन) इस षड्यंत्र के एक मोहरा हैं। उनको हराने की पटकथा उसी दिन लिख दी गई थी जिस दिन कार्तिकेय शर्मा भाजपा निर्दलीय उम्मीदवार बनाए गए थे।’’

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए बगैर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और सवाल किया, ‘‘जब दीपेंद्र हुड्डा जी चुनाव लड़ते हैं तो तब भाजपा उम्मीदवार खड़ा क्यों नहीं करती, कोई स्याही कांड क्यों नहीं होता। जब कोई दूसरा आता है उसके साथ यह सब क्यों होता है?’’

साल 2020 के राज्यसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।

किरण चौधरी का कहना था, ‘‘निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू बोल रहे हैं कि वह कांग्रेस के पक्ष में वोट देना चाहते थे, लेकिन उनसे वोट नहीं मांगा गया। जब आप चुनाव में जा रहे हैं तो दो-तीन वोट अतिरिक्त लेने का प्रयास करते हैं, अगर नीयत साफ हो तो। नीयत साफ नहीं है तो फिर बात कुछ और है।’’

उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘पहले कुलदीप बिश्नोई को भगाया कि उनकी जरूरत नहीं है । ये लोग कह रहे थे कि हमारे पास 30 विधायक हैं। इस तरह से एक वोट तो पहले अलग कर दिया…यह बहुत गहरी साजिश है इसमें पता नहीं कौन-कौन शामिल है? मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रही।’’

अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज करते हुए किरण ने कहा, ‘‘हम पार्टी के साथ बंधे हुए हैं। पार्टी के लिए 37 साल खून-पसीना बहाया है। अब इस उम्र में यह सब करेंगे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया गांधी जी मेरी नेता हैं, सब जानती हैं। मैं इतना मुखर होकर बात करती हूं क्योंकि मैं अपनी नेता और पार्टी से बंधी हुई हूं।’’

किरण ने यह दावा भी किया, ‘‘प्रतिद्वंद्वियों को किस तरह से निपटाया जाए, अब वो वाली मुहिम शुरू हो गई है। यह सब सैलजा जी के साथ, रणदीप सुरजेवाला के साथ हुआ, कुलदीप बिश्नोई के साथ हुआ है, अब मेरे साथ हो रहा है।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘लोग कोशिश कर लें, लेकिन मैं दूसरी मिट्टी की बनी हूं..मैं ‘ए बी सी डी’ की परवाह नहीं करती। मेरी नेता सोनिया गांधी जी हैं।’’

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार तथा भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को पिछले महीने प्रदेश की दो राज्यसभा सीट के लिये हुए चुनाव में निर्वाचित घोषित किया गया था। यह चुनाव परिणाम कांग्रेस के एक लिये एक बड़ा झटका था ।

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं, माकन की जीत के लिये यह संख्या पर्याप्त थी। हालांकि, पार्टी विधायक कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि एक और मत अवैध करार दे दिया गया था ।

भाषा हक

हक पवनेश

पवनेश

 

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