ममता ने माकपा शासन में जन्म प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगाया, पार्टी ने किया पलटवार |

ममता ने माकपा शासन में जन्म प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगाया, पार्टी ने किया पलटवार

ममता ने माकपा शासन में जन्म प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगाया, पार्टी ने किया पलटवार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : July 21, 2022/8:15 pm IST

कोलकाता, 21 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को इस बात पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि माकपा नेता विकास भट्टाचार्य (अब राज्यसभा सदस्य) के महापौर के कार्यकाल के दौरान यहां कुछ लोगों को जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये थे, लेकिन क्या वे इन्हें (जन्म प्रमाण पत्र) प्राप्त करने के पात्र थे।

यहां 21 जुलाई को शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने यह भी कहा कि वह संबंधित फाईल को सामने लाएंगी।

2005 से 2010 तक कोलकाता के महापौर रहे भट्टाचार्य ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को अपनी अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित कर अपने आरोप को साबित करने की चुनौती दी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विकास भट्टाचार्य के कार्यकाल में (महापौर के तौर पर) किन्हें जन्म प्रमाणपत्र दिये गये? क्या वे लोग जन्म प्रमाणपत्र पाने के योग्य थे?’’

उन्होंने दावा किया कि 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का नारा ‘बदलाव चाहिए, बदला नहीं’ था, इसलिए उसने यह मुद्दा नहीं उठाया , क्योंकि पार्टी में प्रतिशोध भाव नहीं है।

उस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने माकपा नीत वाममोर्चा को राज्य की सत्ता से बेदखल कर दिया था।

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दे पर एक जांच समिति बनाई जानी चाहिए।

भट्टाचार्य ने नयी दिल्ली से फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा उठाये गये मुद्दे का संबंध एक अंतरराष्ट्रीय बाल कल्याण संगठन के साथ मिलकर कोलकाता नगर निगम द्वारा बेसहारा बच्चों को जन्मप्रमाण पत्र प्रदान करने के एक कार्यकम से है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हजारों बेसहारा बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र दिया गया था और कुछ समय बाद पाया गया कि उनमें से कुछ के पंजीकरण क्रमांक में विसंगति है जिसे शीघ्र ही सुधार दिया गया।’’

रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती और राज्य सरकार के अन्य विभागों में भर्ती को लेकर माकपा द्वारा उंगली उठाए जाने की आलोचना की और पश्चिम बंगाल में 34 साल के शासन के दौरान वामदल द्वारा दी गई नौकरियों में उसकी भूमिका को लेकर सवाल किया।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers