उच्च न्यायालय से ममकूटाथिल को मिली अंतरिम राहत सामान्य अदालती प्रक्रिया : विजयन

उच्च न्यायालय से ममकूटाथिल को मिली अंतरिम राहत सामान्य अदालती प्रक्रिया : विजयन

उच्च न्यायालय से ममकूटाथिल को मिली अंतरिम राहत सामान्य अदालती प्रक्रिया : विजयन
Modified Date: December 6, 2025 / 06:58 pm IST
Published Date: December 6, 2025 6:58 pm IST

त्रिशूर (केरल), छह दिसंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कांग्रेस से निष्कासित विधायक राहुल ममकूटाथिल को दुष्कर्म और जबरन गर्भपात के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम राहत को शनिवार को “स्वाभाविक” और मानक प्रक्रिया बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि जब अग्रिम जमानत याचिका अदालत में लंबित है, तो किसी को गिरफ्तार करने पर कोई कानूनी रोक नहीं है।

मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, “लेकिन केरल में याचिका पर अदालत के फैसले का इंतजार करने की प्रथा है।”

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उन्होंने कहा, “अब उन्होंने उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की है। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है और मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी है। हमारे राज्य में आम तौर पर यही प्रक्रिया होती है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि अदालत ने खास तौर पर यह भी कहा है कि गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल स्वाभाविक है और प्रक्रिया का ही हिस्सा है।”

विजयन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ममकूटाथिल को पुलिस से बचाने के लिए खुले तौर पर संरक्षण दे रही है।

उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि पुलिस जानबूझकर ममकुटाथिल के खिलाफ कार्रवाई में देरी कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुलिस के पास विधायक को गिरफ्तार नहीं करने का कोई कारण नहीं है।

केरल उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से निष्कासित विधायक राहुल ममकूटाथिल को बलात्कार और जबरन गर्भपात के मामले में शनिवार को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।

न्यायमूर्ति के. बाबू ने कहा कि अदालत 15 दिसंबर को ममकूटाथिल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी और तब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम सुरक्षा मिलने के कुछ घंटों बाद ही विधायक ने यौन उत्पीड़न के दूसरे मामले में अग्रिम जमानत के लिए तिरुवनंतपुरम की एक सत्र अदालत में याचिका दायर की।

विधायक के वकील अजितकुमार ने कहा कि आज यहां की सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई, साथ ही एक आवेदन भी दिया गया कि उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर पुलिस उन्हें गिरफ्तार न करे।

इस बीच, कांग्रेस नेतृत्व ने अदालती कार्रवाई से खुद को अलग कर लिया और कहा कि ममकूटाथिल को पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

अखिर भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस पहले ही इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘विधायक को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वह अब पार्टी के सदस्य नहीं हैं। कानून को अपना काम करने दें।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने मुख्यमंत्री इन आरोपों को खारिज किया कि कांग्रेस अब भी ममकुटाथिल को राजनीतिक संरक्षण दे रही है।

मुरलीधरन ने कहा कि पुलिस विधायक का पता लगाने में ‘‘नाकाम’’ रही है, जिसके कारण मुख्यमंत्री कांग्रेस पर विधायक को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं।

भाषा खारी माधव

माधव


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