बच्चों में मानसिक सेहत के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत बताई मांडविया ने |

बच्चों में मानसिक सेहत के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत बताई मांडविया ने

बच्चों में मानसिक सेहत के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत बताई मांडविया ने

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : October 5, 2021/4:43 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे जल्दी इन समस्याओं को पहचान सकें और बच्चों को उचित परामर्श या उपचार के लिए भेज सकें।

यूनिसेफ की वैश्विक रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2021- ऑन माई माइंड : प्रमोटिंग, प्रोटेक्टिंग एंड केयरिंग फॉर चिल्ड्रन्स मेंटल हेल्थ’ को जारी करते हुए मंत्री ने शिक्षकों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य की समझ को शामिल किये जाने पर भी जोर दिया।

मांडविया ने कहा कि सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान परिवार होता है और परिवारों को चाहिए कि वे बच्चों को इस तरह की किसी भी समस्या के उभरने पर उसके बारे में खुल कर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि आजकल परिवार के बच्चों और बड़ों में बहुत कम बातचीत होती है।

मांडविया ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि परिवार के सभी सदस्य साथ बैठें और माता-पिता को अपने बच्चों के साथ दोस्तों की तरह बर्ताव करना चाहिए ताकि बच्चे स्वतंत्रता से बात कर सकें। बड़ों को बच्चों के व्यवहार में आने वाले बदलावों पर भी करीब से नजर रखनी चाहिए।’’

मंत्री ने कहा कि इसके बाद शिक्षक की भूमिका आती है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि उनकी कही बात का बच्चों पर असर होता है।

उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य अंतर्निहित तरीके से शारीरिक स्वास्थ्य और कुशलक्षेम से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में करीब 14 प्रतिशत बच्चे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का सामना कर रहे हैं।

मांडविया ने कहा कि उन्हें कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में आभास हुआ कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना कितना महत्वपूर्ण है।

यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि यास्मीन अली हक ने कहा कि भारत में बच्चे चुनौतीपूर्ण समय से गुजरे हैं और महामारी के जोखिम तथा पाबंदियों को उन्होंने झेला है।

उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों पर महामारी के मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में हम जो जानते हैं वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रकाश डालने के लिए और यूनिसेफ की वैश्विक रिपोर्ट में उल्लेखित मुद्दों पर ध्यान देने के लिहाज से राष्ट्रीय पहल का नेतृत्व करने में हमारा साथ देने के लिए मैं मंत्री मनसुख मांडविया की आभारी हूं।’’

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

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