इम्फाल, पांच दिसंबर (भाषा) मणिपुर सरकार ने कहा कि राज्य में शांति भंग करने और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को डराने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘मणिपुर सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ संगठन राज्य के कानून का पालन करने वाले नागरिकों को डरा-धमकाकर मणिपुर में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
राज्य सरकार ने यह चेतावनी तब जारी की है, जब दो दिन पहले पांच प्रतिबंधित संगठनों के गठबंधन ने हाल में संपन्न संगाई महोत्सव में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों और संगठनों से 10 दिसंबर से पहले सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था।
गठबंधन ने इस आयोजन को आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) की पीड़ा के साथ ‘विश्वासघात’ बताया है।
आंतरिक रूप से विस्थापितों के प्रदर्शनों के बीच 21 से 30 नवंबर तक संगाई महोत्सव आयोजित किया गया था। ये लोग मांग कर रहे थे कि उन्हें अपने घर लौटने की अनुमति दी जाए।
राज्य सरकार ने कहा है कि मणिपुर पुलिस ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई पहले ही शुरू कर चुकी है। उसने कहा कि किसी भी नागरिक को डराने या उसकी सुरक्षा को खतरे में डालने का कोई भी प्रयास राज्य और उसके लोगों के खिलाफ कार्रवाई है।
राज्य सरकार ने आम जनता से भी अपील की है कि वे धमकी, जबरन वसूली, जबरदस्ती या संदिग्ध गतिविधि की किसी भी घटना की तत्काल निकटतम थाने को सूचना दें। उसने कहा कि मणिपुर के लोगों के जीवन और संपत्ति को खतरा पहुंचाने वालों के खिलाफ सभी विश्वसनीय रिपोर्ट पर त्वरित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मणिपुर में मई 2023 से मेईती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में कम से कम 260 लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए।
भाषा
राजकुमार दिलीप
दिलीप