मान ने एमएसपी समिति में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा |

मान ने एमएसपी समिति में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा

मान ने एमएसपी समिति में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : July 20, 2022/1:10 pm IST

चंडीगढ़, 20 जुलाई (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर गठित समिति में राज्य को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने के लिए बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि पंजाब को ”जानबूझकर” समिति में जगह नहीं दी गई। उन्होंने इसे राज्य की जनता का ”अपमान” करार दिया।

मान ने ट्वीट किया, ”किसानों से किए गए वादे के विपरीत, एमएसपी समिति में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देने के केंद्र के निर्णय की मैं निंदा करता हूं…पंजाब के किसान पहले ही फसल चक्र और कर्ज में फंसे हुए हैं। एमएसपी हमारा कानूनी अधिकार है…केंद्र को एमएसपी समिति में पंजाब का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना चाहिए।”

केंद्र ने किसानों से गिए गए वादे के आठ महीने के बाद एमएसपी को लेकर एक समिति गठित की है। सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार समिति व्यवस्था को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाकर किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराए जाने के रास्ते तलाश करेगी।

समिति एमएसपी के अलावा प्राकृतिक कृषि, फसल विविधीकरण और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं पर भी काम करेगी।

समिति में कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ सदस्यों के अलावा केंद्र सरकार के पांच सचिव और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम व ओडिशा के मुख्य सचिव शामिल हैं।

किसान संघों के मूल संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने घोषणा की है कि वह समिति का हिस्सा नहीं होगा। एसकेएम ने समिति को खारिज करते हुए आरोप लगाया है कि रद्द किए जा चुके कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले ”तथाकथित किसान नेता” इस समिति के सदस्य हैं।

चड्ढा ने एमएसपी समिति में पंजाब के संस्थानों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल नही किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा, ”पंजाब को जानबूझकर इसमें शामिल नहीं करके केंद्र सरकार ने हमारी जनता का अपमान किया है।”

उन्होंने कहा कि राज्यों और विशेष रूप से पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देकर संघवाद के सिद्धातों का ”उल्लंघन” किया गया है।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)