उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण में आई तेजी

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण में आई तेजी

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण में आई तेजी
Modified Date: July 26, 2025 / 09:13 pm IST
Published Date: July 26, 2025 9:13 pm IST

देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत इस साल 27 जनवरी को विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था और अब रोजाना औसतन 1,634 विवाह पंजीकृत हो रहे हैं।

उत्तराखंड विवाह पंजीकरण अधिनियम-2010 यूसीसी के प्रभावी होने से पहले लागू था, लेकिन इसके तहत राज्य में विवाह पंजीकरण का औसत प्रतिदिन केवल 67 था।

हालांकि, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद राज्य में विवाह पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘‘समान नागरिक संहिता के तहत पंजीकरण की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। यह कानून की व्यापकता और महत्व को दर्शाता है। समान नागरिक संहिता के तहत किया गया प्रत्येक पंजीकरण मजबूत समाज के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे विशेष रूप से महिलाओं के हितों की रक्षा हो रही है।’’

उन्होंने कहा कि मजबूत कानून और आसान प्रक्रिया के कारण लोग अब विवाह पंजीकरण के प्रति काफी उत्साह दिखा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के मुताबिक, 27 जनवरी से अब तक यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण की संख्या 3,01,526 तक पहुंच गई है। इस प्रकार, यूसीसी के बाद प्रतिदिन विवाह पंजीकरण का औसत 1634 है।

उन्होंने कहा कि यह पिछले कानून के तहत किए गए पंजीकरण से कई गुना अधिक है।

सरकार ने यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण कराने की वर्तमान समय सीमा को भी छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर दिया है। इस संबंध में विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।

इससे उन लोगों को मदद मिलेगी जो किसी कारणवश अब तक यूसीसी के तहत अपना विवाह पंजीकरण नहीं करा सके थे।

भाषा धीरज संतोष

संतोष


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