इस्तेमाल हो चुके तिरंगों के निपटान के लिए एमसीडी और आरडब्ल्यूए ने कसी कमर |

इस्तेमाल हो चुके तिरंगों के निपटान के लिए एमसीडी और आरडब्ल्यूए ने कसी कमर

इस्तेमाल हो चुके तिरंगों के निपटान के लिए एमसीडी और आरडब्ल्यूए ने कसी कमर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : August 16, 2022/3:39 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) दिल्ली नगर निगम और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) इस्तेमाल हो चुके तिरंगों को एकत्र कर ध्वज संहिता के तहत उनके निपटान के लिए कमर कस चुके हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई को लोगों से 13 से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहराने का अनुरोध किया था। उन्होंने इसे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान करार दिया था।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हर घर तिरंगा अभियान को मिली शानदार प्रतिक्रिया के बाद हम आने वाले दिनों में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के निर्धारित नियंत्रण कक्षों में बड़ी संख्या में ऐसे झंडे एकत्र होने की उम्मीद कर रहे हैं।”

संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार 12 अगस्त तक 20 करोड़ से अधिक तिरंगे आम लोगों के लिए उपलब्ध कराए गए थे।

उन्होंने कहा, ”प्रत्येक फटे हुए, क्षतिग्रस्त, इधर-उधर बिखरे और गंदे झंडों का गरिमामयी व सम्मानजनक तरीके से निपटान किया जाएगा।”

विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के शीर्ष निकाय यूनाइटेड रेजिडेंट्स जॉइंट एक्शन ऑफ दिल्ली (यूआरजेए) ने भी इस काम में एमसीडी की मदद करने की इच्छा जतायी है।

यूआरजेए ने कहा कि प्रत्येक आरडब्ल्यूए से अनुरोध है कि यदि संभव हो तो इस्तेमाल किए गए तिरंगे को मोड़कर कागज या कपड़े में लपेट कर एक ढेर में रख दें।

यूआरजेए ने एक बयान में कहा कि जब करीब एक महीने में अधिकतर झंडे आरडब्ल्यूए के कार्यालय में जमा हो जाएं तो उन झंडों को ले जाने के लिए एमसीडी से संपर्क कर सकते हैं।

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश

 

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