शिलॉन्ग, 21 मई (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण (पशुधन बाजारों के विनियमन) नियम 2017 को लागू करने के लिए उठाए कदमों की जानकारी देते हुए एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गऊ ज्ञान फाउंडेशन द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिनदोह की पीठ ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘राज्य सरकार के सचिव 2017 के उक्त नियमों के अनुरूप उठाए कदमों, 1960 के अधिनियम के अनुरूप किए गए उपायों की जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करें तथा एक स्पष्ट समयसीमा बताए, जिसके तहत उपरोक्त नियम लागू किए जा सके।’’
साथ ही राज्य को पशुओं के परिवहन नियम, 1978 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 125ई के अनुरूप उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया गया।
उच्च न्यायालय ने गऊ ज्ञान फाउंडेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी पशुओं से बर्ताव से जुड़े मुद्दे से निपटने पर भी विचार किया। इनमें वे पशु भी शामिल हैं, जिन्हें केवल मानव उपभोग के लिए पाला जाता है।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि पशुओं के साथ व्यवहार से जुड़े उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार जानवरों को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया है।
इस मामले पर अगली सुनवाई 14 जून को होगी।
भाषा गोला माधव
माधव
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