शिलॉन्ग, चार अप्रैल (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य में अवैध कोयला खनन में ‘‘सक्रिय रूप से मदद’’ करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर मुख्य सचिव को सोमवार को फटकार लगाई।
उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ ने एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पहले खनन किए गए कोयले के निपटान के लिए निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं किया गया, जिससे कोयले का ताजा अवैध खनन हुआ, जिसे पहले खनन किए गए कोयले के रूप में दर्शाने की कोशिश की गई।
अदालत ने कहा, ‘‘यह स्थानीय प्रशासन की सक्रिय मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता। जवाबदेही तय होनी चाहिए और मामले के इस पहलू पर तुरंत ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए ताकि स्पष्ट रूप से यह संदेश भेजा जा सके कि अगर कुछ भी चूक होती है तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिनकी निगरानी में यह काम हुआ है।’’
अदालत ने कहा कि मुख्य सचिव आर वी सुचियांग द्वारा दायर रिपोर्ट में उन स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ कदम नहीं उठाए जाने का संकेत मिलता है, ‘‘जिन्होंने अवैध खनन के दौरान न केवल आंखें दूसरी ओर घुमा लीं, बल्कि संभवत: उसमें सक्रिय मदद भी की।’’
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
नेत्रपाल
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान के दौरान कई…
28 mins agoवजन कम करने की सर्जरी के दौरान युवक की मौत…
37 mins ago