मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि ‘कृषि श्रमिक के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ पर आधारित : सरकारी सूत्र |

मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि ‘कृषि श्रमिक के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ पर आधारित : सरकारी सूत्र

मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि ‘कृषि श्रमिक के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ पर आधारित : सरकारी सूत्र

:   Modified Date:  March 29, 2024 / 08:42 PM IST, Published Date : March 29, 2024/8:42 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) मनरेगा की मजदूरी में कम वृद्धि किये जाने को लेकर आलोचना के बीच, सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि यह बढ़ोतरी ‘कृषि श्रमिक के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ पर आधारित है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बुधवार को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) योजना के तहत मजदूरी की नयी दरें अधिसूचित कर विभिन्न राज्यों में इसमें चार से 10 प्रतिशत की वृद्धि की, इसका राष्ट्रीय औसत करीब सात प्रतिशत है।

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरी की दर को कृषि श्रमिक के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) से जोड़ दिया है ताकि श्रमिकों को महंगाई से राहत दिलाई जा सके।

सीपीआई-एएल पर आंकड़े श्रम ब्यूरो, शिमला से लिए गए हैं और इसकी समीक्षा मनरेगा अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के अनुसार, सीपीआई-एल में बदलावों के आधार पर की गई है।

मजदूरी दर की समीक्षा उस फार्मूले के आधार पर की गई है जिसमें प्रस्तावित मजदूरी दर पिछले साल की मजदूरी दर के समान है।

सूत्र ने कहा, ‘‘सीपीआई-एएल में संपूर्ण वृद्धि 7.7 प्रतिशत है। यह सूचकांक कृषि श्रमिकों के लिए विभिन्न वस्तुओं के उपभोक्ता मूल्यों पर प्रत्येक माह एकत्र किये गए सांख्यिकीय आंकड़े पर आधारित है।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘यह वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई का प्रतिबिंब है जो हर राज्य के लिए अलग-अलग है।

सूचकांक में गुजरात में 9.2 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 10 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह केवल 3.2 प्रतिशत, राजस्थान में 4.4 प्रतिशत और हरियाणा में 4.7 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत कम है।

मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में कम बढ़ोतरी किये जाने पर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा चिंता जताये जाने की पृष्ठभूमि में, सूत्र ने कहा कि इस राज्य के लिए 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी कई अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने एक दिन पहले, राज्य में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी को पश्चिम बंगाल के प्रति भाजपा की ‘‘नफरत’’ का बेशर्म प्रदर्शन करार दिया था।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि मनरेगा श्रमिकों को बधाई हो कि प्रधानमंत्री ने मजदूरी सात रुपये बढ़ा दी है।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)