बेरहामपुर (ओडिशा), 22 अक्टूबर (भाषा) ओडिशा में एशिया के सबसे बड़े खारे पानी की अनूपझील (लैगून) चिल्का में प्रवासी पक्षियों ने फिर से आना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चिल्का वन्यजीव डिवीजन के सहायक वन संरक्षक शरत चंद्र मिश्रा के अनुसार, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से प्रवासी पक्षियों का आगमन दिखने लगा है।
उन्होंने कहा कि यह पक्षी पिछले साल के मुकाबले इस साल एक सप्ताह देर से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिल्का झील के पास कई पक्षियों को उड़ते हुए देखा जा रहा है और एक बार पानी का स्तर घटने पर वे जमीन पर उतर सकते हैं। नॉर्दर्न पिनटेल, गडवाल, शोवलर, कॉमन कूट और कई प्रवासी पक्षी इस अनूपझील में पाए जाते हैं जो बंगाल की खाड़ी से जुड़ी है और पुरी, खोरधा और गंजाम जिले तक फैली है।
चिल्का की वेबसाइट के अनुसार, यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा ऐसा जलीय स्थान है जहां प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं। झील के 1,100 वर्ग किलोमीटर के इलाके में अब तक 62 प्रजातियों के 22 हजार पक्षी देखे जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा कि उनमें से पांच हजार से अधिक पक्षी झील के अंदर नलबन पक्षी अभयारण्य के 15.69 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उतर चुके हैं।
वन अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस महीने के अंत में ये और ज्यादा संख्या में आएंगे।” सितंबर और अक्टूबर के दौरान लगातार हुई वर्षा के कारण झील के पानी का स्तर बढ़ गया है।
पक्षी विज्ञानी यु एन देव ने कहा कि इसकी वजह से पक्षियों को भोजन पाने में मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि यह एक कारण हो सकता है जिसकी वजह से प्रवासी पक्षियों का अनूपझील में आगमन देर से हो रहा है।
भाषा यश पवनेश
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