आइजोल, 11 नवम्बर (भाषा) मिजोरम के मामित जिले की डाम्पा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मंगलवार दोपहर तीन बजे तक 75.15 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अगले वर्ष होने वाले निकाय चुनाव से पूर्व यह उपचुनाव सत्तारूढ़ जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के लिए एक परीक्षा माना जा रहा है।
जुलाई में एमएनएफ विधायक ललरिंतलुआंगा सैलो के निधन के बाद इस उपचुनाव की जरूरत उत्पन्न हुई।
जेडपीएम के लिहाज से इस उपचुनाव के परिणाम तीन दिसंबर को होने वाले ‘लाई ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (एलएडीसी)’ चुनाव और वर्ष के अंत में आइजोल नगर निगम (एएमसी) चुनाव पर प्रभाव डाल सकते हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि जेडपीएम के लिए यह जीत, खासकर विपक्षी दलों की बढ़ती आलोचना के बीच पार्टी का मनोबल बढ़ाने का काम करेगी।
एमएनएफ के लिए यह उपचुनाव खासा महत्व इसलिए रखता है, क्योंकि यदि वह हार गई तो 40-सदस्यीय विधानसभा में उसकी ताकत और घट जाएगी तथा विपक्ष के नेता के पद के लिए उसका दावा खतरे में पड़ सकता है। इस पद के लिए कम से कम 10 विधायक आवश्यक हैं, जबकि सैलो के निधन के बाद एमएनएफ के पास अब नौ विधायक हैं।
ईसाई बहुल मिजोरम में अपनी पैठ बढ़ाने का प्रयास कर रही भाजपा इस चुनाव को अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मान रही है। वर्तमान में विधानसभा में पार्टी के दो विधायक हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी लालरोज़ामा ने बताया कि सभी 41 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान चल रहा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 20000 से अधिक मतदाता हैं।
लालरोज़ामा ने कहा कि कुछ केंद्रों पर वीवीपैट में समस्या आई थी, जिन्हें मतदान शुरू होने से पहले तुरंत बदल दिया गया।
इस विधानसभा क्षेत्र में मिजो और अल्पसंख्यक समुदायों जैसे चकमा और ब्रू का मिश्रित जनसंख्या आधार है। डाम्पा मामित जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में से एक है।
यह राज्य का अकेला आकांक्षी जिला है। यह बांग्लादेश से अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा त्रिपुरा से अंतरराज्यीय सीमा साझा करता है।
भाषा राजकुमार पवनेश
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