आइजोल, चार अगस्त (भाषा) मिजोरम के सबसे बड़े और प्रभावशाली संगठन सेंट्रल कमेटी ऑफ यंग मिजो एसोसिएशन या सेंट्रल वाईएमए (सीवाईएमए) ने हाल में मिजोरम और असम के बीच सीमा पर हुई हिंसा मामले में बाहरी ताकतों की कथित संलिप्तता की जांच कराने की मांग की है।
सीवाईएमए के अध्यक्ष वनलालरुता ने कहा कि संगठन की बैठक में मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार की निगरानी में जांच की मांग की गई।
यह मांग ऐसे वक्त की गयी है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि असम और मिजोरम के बीच सीमा तनाव को बाहरी ताकतों द्वारा बढ़ावा दिया गया था।
वनलालरुता ने कहा कि सीवाईएमए ने आरोप से इनकार किया और कहा कि यह ‘‘पूरा झूठ’’ है। सीवाईएमए ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में मिजोरम का कोई सांसद मौजूद नहीं था। प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच सीमा विवादों को सुलझाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की गई।
इससे पहले, असम सरकार ने दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच हालिया हिंसक झड़प को ‘‘राज्येतर तत्वों’’ की करतूत से जोड़ा, जो राज्य सरकार द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई और प्रस्तावित असम मवेशी संरक्षण कानून के तहत मवेशियों के परिवहन पर प्रतिबंध से नाराज हैं। हालांकि, मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा था कि ‘‘कोई भी जिम्मेदार सरकार मिलीभगत नहीं कर सकती है या बाहरी लोगों से प्रभावित नहीं हो सकती है।’’
भाषा सुरभि शाहिद
शाहिद
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