कोरोना टीकाकरण में 100 करोड़ का आंकड़ा पारः मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों, लाभार्थियों से की चर्चा |

कोरोना टीकाकरण में 100 करोड़ का आंकड़ा पारः मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों, लाभार्थियों से की चर्चा

कोविड टीकाकरण में 100 करोड़ का आंकड़ा पारः मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों, लाभार्थियों से की चर्चा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : October 21, 2021/4:31 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) कोविड रोधी टीकाकरण में बृहस्पतिवार को भारत के 100 करोड़ खुराक के आंकड़े पर पहुंचने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल का दौरा किया और लाभार्थियों से उनकी रुचियों के बारे में पूछने से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों से उनके अनुभव जानने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

मोदी ने टीकाकरण में देश के 100 करोड़ खुराक के आंकड़े पर पहुंचने के बाद आरएमएल अस्पताल के टीकाकरण केंद्र का दौरा भी किया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘आज, जब भारत ने वैक्सीन सेंचुरी हासिल कर ली है, मैं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक टीकाकरण केंद्र में गया। वैक्सीन हमारे नागरिकों के जीवन में गर्व और सुरक्षा लेकर आयी है।’’

मोदी ने अस्पताल के अपने दौरे के दौरान लाभार्थियों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों से बातचीत की।

उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर टीका लगावाने पहुंची एक लाभार्थी से उसकी रुचियों के बारे में पूछा।

लाभार्थी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि मेरे शौक क्या हैं और मैंने उनसे कहा कि मुझे गाना पसंद है, तो उन्होंने मुझसे किसी गाने की दो लाइन गाने को कहा जो मैंने किया।’’

इस लाभार्थी की मां ने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री का हमसे मुलाकात करना एक सपने जैसा था।’’

लाभार्थी की मां ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) मुझसे पूछा कि मैं उसकी (अपनी बेटी) देखभाल कैसे करती हूं और उसके टीकाकरण में देरी क्यों हुई। उन्होंने मेरी बेटी से भी उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा। हमें एक ऐसे देश का नागरिक होने पर गर्व है जहां के प्रधानमंत्री इतने विनम्र हैं और जो लोगों से जुड़े हुए हैं।’’

वहीं, दिव्यांग अरुण राय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘‘दिव्यांग’’ कहकर सम्मान प्रदान किया है।

राय ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि हमें दिव्यांग कहकर आपने हमें बहुत सम्मान दिया है और इससे हम बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उन्होंने (प्रधानमंत्री) कहा कि पैरालंपिक खिलाड़ियों और देश को उनके द्वारा दिलाई जा रही प्रतिष्ठा को देखिए। मैंने उनसे कहा कि मैं भी क्रिकेट खिलाड़ी हुआ करता था।’’

राय को जब टीके की पहली खुराक लगी तो प्रधानमंत्री उनके साथ खड़े हुए थे। मोदी ने अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों से भी बातचीत की।

स्वास्थ्यकर्मी जसमीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे उनका अनुभव पूछा। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें टीकाकरण केंद्र में अपने अनुभव और अपने कर्तव्य के बारे में बताया। मैंने उन्हें बताया कि हम लोगों को कैसे समझाते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण एक महत्वपूर्ण साधन है।’’

अन्य स्वास्थ्यकर्मी (एक नर्स) ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का हमसे मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि मेरा सफर कैसा रहा है और मैंने उन्हें बताया कि मैंने लाभार्थियों को टीके की 15,000 खुराक दी हैं। उन्होंने मुझसे मेरे अनुभव और इस बारे में पूछा कि टीका लगवाते समय लाभार्थियों की किस तरह की प्रतिक्रिया होती है।’’

प्रधानमंत्री ने अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक गार्ड से भी मुलाकात की।

गार्ड ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) मुझसे पूछा कि कोविड के समय मैंने अपनी ड्यूटी किस तरह की और इसे बारे में भी कि मेरा परिवार चिंतित होता होगा। मैंने उनसे कहा कि वे (परिवार) मुझे रोकते थे लेकिन मैं अपने देश की सेवा करना चाहता था।’’

इस गार्ड ने प्रधानमंत्री से बातचीत में इस बात का भी जिक्र किया कि उन्होंने अपने को चौकीदार कहा था।

गार्ड ने कहा, ‘‘मैंने उनसे यह भी कहा कि आपने एक बार कहा था कि आप देश के चौकीदार हैं। इससे हमारा मनोबल बढ़ा और इस वजह से हमें सम्मान मिलता है। उन्होंने मेरी पीठ भी थपथपाई।’’

मोदी खुद को प्राय: ऐसा ‘चौकीदार’ कहते रहे हैं जो न भ्रष्टाचार करने देगा और न ही खुद भ्रष्ट होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोविड रोधी टीकाकरण में 100 करोड़ खुराक के आंकड़े तक पहुंचने में भारत को 279 दिन लगे हैं।

देश में कोविड रोधी टीकाकरण अभियान की शुरुआत इस साल 16 जनवरी से हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण शुरू हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए।

देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के कोविड रोधी टीकाकरण की शुरुआत एक अप्रैल से हुई थी और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ था।

भाषा

नेत्रपाल पवनेश

पवनेश