कोई राजनीतिक, परिवारवादी पृष्ठभूमि न होने के बावजूद नेतृत्व का अवसर मिला: मोदी |

कोई राजनीतिक, परिवारवादी पृष्ठभूमि न होने के बावजूद नेतृत्व का अवसर मिला: मोदी

कोई राजनीतिक, परिवारवादी पृष्ठभूमि न होने के बावजूद नेतृत्व का अवसर मिला: मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : October 15, 2021/7:18 pm IST

सूरत, 15 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोई राजनीतिक या परिवारवादी पृष्ठभूमि या जातिगत आधार न होने के बावजूद उन्हें पहले गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर और फिर प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर सेवा करने का अवसर मिला।

सूरत की बाहरी सीमा पर लड़कों के लिए सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज के एक छात्रावास की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने ये बातें कहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक सामान्य व्यक्ति था, जिसकी कोई पारिवारिक या राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी और जिसके पास जातिवादी राजनीति का कोई आधार नहीं था। इसके बावजूद आपने मुझे अपना आशीर्वाद देकर काफी पहले 2001 में गुजरात की सेवा का मौका दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपके आशीर्वाद में इतनी ताकत है कि आज 20 वर्ष से अधिक समय हो गया, फिर भी मैं सेवा दे रहा हूं। पहले गुजरात में और आज पूरे देश की सेवा कर रहा हूं।’’

प्रधानमंत्री ने लोगों से भारत के पहले गृह मंत्री एवं उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा दिखाए रास्ते पर चलने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल ने कहा था कि हमें जातियों और धार्मिक विश्वास को अपने लिए बाधा नहीं बनने देना चाहिए। हम सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं तथा हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए। हमें एक-दूसरे से भी प्रेम करना चाहिए। गुजरात के लोगों ने हमेशा से सरदार पटेल की शिक्षाओं को मजबूत करने में विश्वास रखा है। सरदार पटेल के बच्चों का नारा है ‘राष्ट्र पहले’।’’

प्रधानमंत्री ने गुजरात के कई प्रमुख सुधारकों और शिक्षाविदों के योगदान को भी याद किया, जिनमें उत्तरी गुजरात के छगनभा और चारोतार क्षेत्र के भाई काका शामिल हैं।

उन्होंने संकलचंद पटेल, गनपत पटेल, मोहन लालजी पटेल और कर्षण विरानी की भी बात की।

उन्होंने शिक्षा के मोर्चे पर सुधार और छात्राओं के बीच में स्कूल छोड़ने के अनुपात में गिरावट के लिए मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू की गई कुछ पहलों को श्रेय दिया।

मोदी ने कहा, “एक समय था जब गुजरात में अच्छी गुणवत्ता वाले स्कूल और शिक्षक नहीं थे। मां उमिया और मां खोदल (पाटीदार समुदाय के आराध्य) के आशीर्वाद से, हमने लोगों को आंदोलन में शामिल किया और प्रवेशोत्सव और गुणोत्सव जैसी पहल की शुरुआत की।”

उन्होंने कहा कि स्कूलो में शौचालयों की कमी लड़कियों के स्कूल छोड़ने का प्रमुख कारण थी इसलिए ये सुविधाएं दी गईं और अब बीच में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या काफी घटी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां महात्मा गांधी का सपना ‘राम राज्य’ के आदर्शों पर चलने वाले समाज के निर्माण का था, वहीं गुजरात के लोग उस रास्ते पर चल रहे हैं और उन सिद्धांतों को मजबूत कर रहे हैं।

मोदी ने गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की भी सराहना की और कहा कि वह कम बोलते हैं, लेकिन उनके काम में कोई खामी नहीं दिखती। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि सितंबर में पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पहली बार राज्य के लोगों को संबोधित कर रहे थे।

सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा शुरू की गई परियोजना के पहले चरण में वलक गांव के पास पाटीदार समुदाय के एक हजार छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। दूसरे चरण में 500 छात्राओं के ठहरने की क्षमता वाला एक और छात्रावास बनाया जाएगा।

भाषा

नेहा उमा

उमा शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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