नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) भारत में 50 प्रतिशत से अधिक स्वीडिश कंपनियों ने वर्षा जल का संचयन किया और पुनर्चक्रित कच्चे माल का उपयोग अपने उत्पादों तथ उनकी ‘पैकेजिंग’ में किया। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
भारत में स्वीडन के राजदूत के. मोलिन ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘वहनीयता स्वीडन-भारत साझेदारी के लिए एक मुख्य आधार बन गया है।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय आदान-प्रदान, संयुक्त साझेदारी और व्यापार के अवसरों को हरित (पर्यावरण के अनुकूल) बनाने के साझा लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दीर्घकाल में वहनीयता को सफल बनाने के लिए सरकार, अकादमिक जगत और उद्योगों को योगदान देना होगा।’’
मोलिन ने कहा, ‘‘इस हरित सफर को शुरू करने के लिए हमें अवश्य यह समझना होगा कि हम कहां से शुरूआत कर रहे हैं। यह अध्ययन, भारत में करीब 50 स्वीडिश कंपनी की वहनीयता का आकलन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि स्वीडिश कंपनी वहनीय व्यापारिक गतिविधियों में अग्रिम मोर्चे पर हैं।’’
‘एक हरित सफर-भारत में स्वीडिश कंपनिया’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि 51 प्रतिशत स्वीडिश कंपनियां वर्षा जल संचयन कर रही हैं।
भाषा सुभाष मनीषा
मनीषा
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