रफह में मारे गए पूर्व सैन्य अधिकारी काले का पार्थिव शरीर भारत पहुंचा: विदेश मंत्रालय

रफह में मारे गए पूर्व सैन्य अधिकारी काले का पार्थिव शरीर भारत पहुंचा: विदेश मंत्रालय

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  • Publish Date - May 17, 2024 / 09:27 PM IST,
    Updated On - May 17, 2024 / 09:27 PM IST

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) रफह में मारे गए भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले का पार्थिव शरीर शुक्रवार को भारत पहुंच गया। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

गाजा में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहे काले कुछ दिन पहले रफह क्षेत्र में हुए एक हमले में मारे गए थे।

भारतीय सेना से 2022 में समय से पहले सेवानिवृत्त हुए 46 वर्षीय काले दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (डीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आज तेल अवीव में भारतीय मिशन संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों के सहयोग से नश्वर अवशेषों को भेजने संबंधी समन्वय कार्य करने में सक्षम रहा। कर्नल (सेवानिवृत्त) काले का पार्थिव शरीर आज भारत पहुंच गया जिससे कि परिवार संबंधित रस्में कर सके।’’

विदेश मंत्रालय ने पूर्व में कहा था कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के साथ-साथ तेल अवीव और रामल्ला में भारतीय मिशन द्वारा काले के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने में सभी सहायता दी जा रही है।

जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्रालय पहले ही उनके निधन पर ‘हमारी गहरी संवेदना’ व्यक्त कर चुका है।

उन्होंने कहा, ‘जहां तक ​​जांच का सवाल है, आपने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय द्वारा जारी बयान देखा होगा कि उन्होंने एक तथ्यावेषण समिति का गठन किया है। जहां तक ​​हमारा सवाल है, हम संबंधित लोगों के संपर्क में भी बने हुए हैं।’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से यह भी पूछा गया कि गाजा में कितने भारतीय हैं जो संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम रिपोर्ट के आधार पर मानते हैं कि गाजा में लगभग 70 संयुक्त राष्ट्र कर्मी काम कर रहे हैं। इनमें से कितने भारतीय हैं, मुझे पूरा जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी स्पष्ट होने के बाद मैं आपको बताऊंगा।’

संयुक्त राष्ट्र ने भी काले की मौत पर शोक जताया है।

वह सोमवार को उस समय मारे गए जब गाजा पट्टी के रफह क्षेत्र में उनका वाहन हमले की चपेट में आ गया।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव