अधिकतर विकसित देश वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की योजना से पीछे: रिपोर्ट

अधिकतर विकसित देश वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की योजना से पीछे: रिपोर्ट

अधिकतर विकसित देश वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की योजना से पीछे: रिपोर्ट
Modified Date: December 6, 2022 / 06:52 pm IST
Published Date: December 6, 2022 6:52 pm IST

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) अधिकतर विकसित देश संयुक्त राष्ट्र की सहमति के अनुसार वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की उनकी योजनाओं से अब भी काफी पीछे चल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन संबंधी घटनाक्रम पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘पेरिस इक्विटी चैक’ के एक अद्यतन संस्करण में यह बात कही गयी है।

‘पेरिस इक्विटी चैक’ औद्योगिक काल के पूर्व के औसत की तुलना में तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने में मदद के लिए देशों के योगदान का आकलन करती है।

देशों को उम्मीद है कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से जलवायु परिवर्तन के बुरे असर से बचा जा सकेगा।

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पृथ्वी का वैश्विक सतह तापमान औद्योगिक काल-पूर्व (1850-1900) की तुलना में करीब 1.1 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है और इसे दुनिया भर में सूखा, दावानल तथा बाढ़ की घटनाओं के पीछे वजह माना जाता है।

वेबसाइट के प्रमुख अनुसंधानकर्ता यान रोबियू डू पोंट ने कहा, ‘‘ विभिन्न देश घरेलू स्तर पर कमी लाकर और अन्य गरीब देशों में कम लागत पर उत्सर्जन कम करने में मदद करके पेरिस समझौते के तहत महत्वाकांक्षी लक्ष्य लागू कर सकते हैं।’’

भाषा

वैभव माधव

माधव


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