नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) ने राष्ट्रीय राजधानी के ‘लैंडफिल’ स्थलों को ‘स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा’ और ‘राष्ट्रीय शर्म’ बताया है तथा लोगों से इससे निपटने के सुझाव देने का आग्रह किया है।
एलजी ने ट्विटर पर एक पोस्टर साझा की है जिसकी टैगलाइन है, “ सालों से विरासत में मिली चुनौती! आइए इसे दूर करने के लिए एक साथ आएं।”
सक्सेना ने ट्वीट किया, “ कूड़े के गंदे पहाड़ों ने दिल्ली को घेरा हुआ है। राजधानी के 50 मीटर से ज्यादा ऊंचे बदबूदार पहाड़ न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि राष्ट्रीय शर्म भी हैं। दिल्ली के 2.8 करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा कचरे से छुटकारा पाने के प्रयास में आपके सुझाव और भागीदारी मूल्यवान रहेगी।”
अपने ट्वीट के साथ सक्सेना ने एक ईमेल आईडी भी दी, जिस पर लोग अपने सुझाव और विचार भेज सकते हैं।
दिल्ली में गाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला में कुल तीन लैंडफिल स्थल हैं जो कूड़े के बड़े पहाड़ बन गए हैं।
एलजी की ओर से ट्विटर पर साझा किए गए पोस्टर में तीनों लैंडफिल स्थलों पर कुल 28 मीट्रिक टन कचरा होना की जानकारी दी गई है, जिसमें गाज़ीपुर में 14 मीट्रिक टन, भलस्वा में आठ मीट्रिक टन और ओखला में छह मीट्रिक टन कचरा शामिल है और उनकी ऊंचाई क्रमश: 53 मीटर, 54 मीटर, और 50 मीटर है।
इससे पहले सक्सेना गाज़ीपुर लैंडफिल स्थल का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों से इस पहाड़ को खत्म करने की योजना को लेकर स्थिति रिपोर्ट तलब की थी।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक, गाज़ीपुर लैंडफिल स्थल को समतल करने की समयसीमा दिसंबर 2024 है जबकि भलस्वा के लैंडफिल स्थल को अगले साल जुलाई तक खत्म करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, ओखला के लैंडफिल स्थल को दिसंबर 2023 तक समतल किया जा सकता है।
भाषा नोमान पवनेश
पवनेश
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