घुमंतू जातियों की भावी पीढ़ियों की शिक्षा के लिए प्रयास कर सकते हैं सांसद: बिरला
घुमंतू जातियों की भावी पीढ़ियों की शिक्षा के लिए प्रयास कर सकते हैं सांसद: बिरला
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) घुमंतू और बंजारा समुदाय के लोगों के कल्याण के संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि सभी सांसदों को अपने अपने क्षेत्रों में इन समुदायों के डेरों के पास शिविर लगाने चाहिए जिससे इनकी भावी पीढ़ियों को शिक्षित किया जा सके।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विमुक्त, घुमंतू और अर्द्धघुमंतू समुदाय (डीएनटी) के कल्याण से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे जाने के दौरान बिरला ने यह बात कही।
शिवसेना (उबाठा) के भाऊसाहेब वाकचौरे के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार विमुक्त, घुमंतू और अर्द्धघुमंतू (डीएनटी) समुदाय के कल्याण के लिए अनेक कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ इस समुदाय के रहन-सहन पर प्रभाव पड़ा है तथा हमारे आधुनिकता की ओर बढ़ने के साथ इस समुदाय के लोगों के परंपरागत काम बंद होते गए।
मंत्री ने बताया कि सरकार ने 21 फरवरी 2019 को एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से इन समुदायों के विकास एवं कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया था।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और गुजरात समेत सात राज्यों में डीएनटी समुदाय के लोगों को जाति प्रमाणपत्र जारी किये जा रहे हैं तथा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर की बैठकों में बाकी राज्यों से भी इस संबंध में अनुरोध किये जा रहे हैं।
इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को सुझाव दिया, ‘‘घुमंतू जातियों के जहां-जहां डेरे होते हैं, सभी सांसदों को प्रयास करना चाहिए कि जन सहयोग से ऐसी जातियों के अध्ययन के लिए वहां तीन-तीन महीने के लिए शिक्षा के शिविर लगाएं तो इनकी आने वाली पीढ़ियों को हम शिक्षित कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह प्रयास कर रहा हूं और आप लोग भी कर सकते हैं।’’
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा

Facebook



