एमयूडीए प्रकरण: अदालत ने सिद्धरमैया को मिली लोकायुक्त क्लीनचिट के विरुद्ध अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा

एमयूडीए प्रकरण: अदालत ने सिद्धरमैया को मिली लोकायुक्त क्लीनचिट के विरुद्ध अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा

एमयूडीए प्रकरण: अदालत ने सिद्धरमैया को मिली लोकायुक्त क्लीनचिट के विरुद्ध अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा
Modified Date: December 4, 2025 / 10:27 pm IST
Published Date: December 4, 2025 10:27 pm IST

बेंगलुरु, चार दिसंबर (भाषा) विधायकों और सांसदों से संबंधित विशेष अदालत ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य को क्लीन चिट देने के कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस के फैसले पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुनाने के लिए 18 दिसंबर की तारीख तय की है।

बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान, विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि अदालत जांच अधिकारी द्वारा दायर ‘बी फाइनल’ (समापन) रिपोर्ट पर 18 दिसंबर को फैसला सुनाएगी।

यह मामला कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा उठाया गया है, जिन्होंने रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अपील दायर की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इसी मामले में एक याचिका दायर की है।

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लोकायुक्त पुलिस ने फरवरी में सिद्धरमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती और दो अन्य आरोपियों को इस मामले में क्लीन चिट दी थी।

सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, रिश्तेदार बी एम मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य को लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर, 2024 को दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद किया था। स्वामी ने देवराजू से जमीन खरीदकर उसे पार्वती को भेंट में दे दी थी।

भू-आवंटन मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया की पत्नी को मैसुरु (विजयनगर लेआउट तीसरे और चौथे चरण) के एक उच्चस्तरीय क्षेत्र में 14 प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किये गये। इन भूखंडों की संपत्ति का मूल्य पार्वती की भूमि की तुलना में अधिक था।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश


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