जब वाद्ययंत्र व कलाकार में संबंध होता है तो संगीत तरने लगता है: ज़ाकिर हुसैन

जब वाद्ययंत्र व कलाकार में संबंध होता है तो संगीत तरने लगता है: ज़ाकिर हुसैन

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  • Publish Date - January 25, 2023 / 08:52 PM IST,
    Updated On - January 25, 2023 / 08:52 PM IST

कोलकाता, 25 जनवरी (भाषा) तबला वादक ज़ाकिर हुसैन का मानना है कि हर वाद्ययंत्र में एक जीवंत आत्मा होती है और जब यह कलाकार से जुड़ती है तो सार्वभौम अभिव्यक्ति होती है और संगीत तरने लगता है।

हुसैन ने कहा कि सीखने की प्रक्रिया का एक अहम पहलू यह भी है कि वह आत्मा वाद्य यंत्र बजाने वाले व्यक्ति को स्वीकार कर ले।

वह ‘टाटा स्टील कोलकाता लिटरेरी मीट’ के एक सत्र में मंगलवार को बोल रहे थे।

पद्म भूषण से सम्मानित 71 वर्षीय हुसैन ने कहा, “ सीखने के मामले में आधी लड़ाई यह होती है कि जीवंत आत्मा आपको स्वीकार करे और आपसे दोस्ती कर ले। अगर ऐसा हो जाता है तो संबंध तकरीबन गर्भनाल के पुन:जुड़ाव जैसा हो जाता है और आप एक शरीर, एक आत्मा और एक अभिव्यक्ति बन जाते हैं। संगीत तैरने लगता है।”

हुसैन ने कहा कि संगीतकार के रूप में, वे कुछ नया नहीं बता रहे हैं, लेकिन यह वह तरीका है जिससे ‘हम खुद को व्यक्त करते हैं।”

भाषा नोमान प्रशांत

प्रशांत