नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) समेत अन्य एजेंसियों की कार्रवाई की पृष्ठभूमि में कई मुस्लिम संगठनों ने समुदाय के युवाओं से बृहस्पतिवार को ‘धीरज से काम लेने की’ अपील की।
संगठनों ने कहा कि पीएफआई और ऐसे अन्य ‘सलफी वहाबी’ संगठन देश की सूफी बहुसंख्यक आबादी की बुनियादी विचारधारा से युवाओं को ‘बरगलाना’ चाहते हैं, लेकिन यह स्थिति इस्लाम, देश और इंसानियत के हित में नहीं है।
‘मुस्लिम स्टूडेंस्ट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया’ (एमएसओ) ने ट्विटर पर कहा कि इन संगठनों ने भरोसा जताया कि उन्हें देश की न्यायिक व्यवस्था, कानून और संविधान में विश्वास है।
एमएसओ के ट्विटर पेज के मुताबिक, यह मुसलमान विद्यार्थियों और युवाओं की शीर्ष संस्था है जो सूफीवाद और समावेशी भारत को बढ़ावा देने की दिशा में काम करती है।
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, “पीएफआई पर हुई कार्रवाई पर मुस्लिम युवा धीरज से काम लें : मुस्लिम संगठनों की अपील। तंजीम उलेमा ए इस्लाम, कुल हिंद मरकजी इमाम काउंसिल और एमएसओ ने अपने बयान में कहा है कि कानून का अनुपालना और आतंकवाद के रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए।”
एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों ने बृहस्पतिवार सुबह तमिलनाडु सहित 11 राज्यों में एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
एमएसओ ने कहा, “देश के मुसलमानों के लिए यह विचारणीय बिन्दु है कि मूल रूप से सलफ़ी वहाबी विचारधारा के साथ युवाओं को प्रभावित करने के पीएफआई के आरोपों पर गौर करते हुए मुसलमानों को देश की स्थिरता और शांति के प्रयास में मदद करनी चाहिए।”
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश
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