नजफगढ़ नाले में रहस्यमय तरीके से बड़ी संख्या में मछलियां मृत पायी गयीं : अधिकारी |

नजफगढ़ नाले में रहस्यमय तरीके से बड़ी संख्या में मछलियां मृत पायी गयीं : अधिकारी

नजफगढ़ नाले में रहस्यमय तरीके से बड़ी संख्या में मछलियां मृत पायी गयीं : अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : July 4, 2022/5:11 pm IST

(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली-हरियाणा सीमा पर नजफगढ़ नाले में पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में मछलियां रहस्यमय तरीके से मृत पाई गई हैं, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने जांच दलों को इलाके में भेजा है।

निकटवर्ती झुलझुली गांव के निवासियों का कहना है कि नाले से करीब 150 मीटर दूर स्थित उनके गांव के एक तालाब में भी मछलियां मृत मिली हैं।

यह मामला उस समय सामने आया, जब वन एवं वन्यजीव विभाग का एक दल इलाके में वृक्षारोपण के लिए सर्वेक्षण कर रहा था।

वन विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ‘‘मृत पाई गई मछलियों की संख्या लाखों में हो सकती है। इसका कारण नाले में अत्यधिक मात्रा में प्रदूषकों को छोड़ा जाना हो सकता है।’’

हरियाणा के रावता गांव और ढांसा बांध के बीच नाले के पांच किलोमीटर के हिस्से में ही मछलियों की मौत हुई है। पीटीआई द्वारा किए गए स्थल के निरीक्षण से पता चला कि नाले के किनारे मृत एवं सड़ी हुई मछलियां पड़ी हैं, जिनकी दुर्गंध इलाके में फैल गई है।

यमुना के बाद दिल्ली-एनसीआर के दूसरे सबसे बड़े जलाशय नजफगढ़ झील में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है।

झुलझुली निवासी प्रवीण कुमार ने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा।

दिल्ली पुलिस में कार्यरत कुमार ने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में मछलियां मरी हैं। (गांव के) तालाब में भी सभी मछलियां मर गई हैं। ऐसा पिछले तीन-चार दिनों से हो रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि सांप पानी से निकल कर घरों में घुस रहे हैं। हमें नहीं पता कि इसका कारण क्या है। यह एक रहस्य है।’’

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक दल ने रविवार सुबह नाले से पानी के नमूने लिए थे। जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग (बीओडी) और घुलनशील ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाया जा रहा है और चार से पांच दिनों में रिपोर्ट मिल जाएगी।

बीओडी का अर्थ है कि बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव पानी में कार्बनिक पदार्थों को विघटित करते समय कितनी ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। उच्च बीओडी स्तर का मतलब है कि पानी में सूक्ष्मजीवों की संख्या अधिक है और जीव कार्बनिक पदार्थों की उच्च मात्रा विघटित कर रहे है।

बीओडी का उच्च स्तर पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की कम मात्रा और उच्च जल प्रदूषण को इंगित करता है।

अधिकारी ने कहा कि इसका कारण बारिश जैसी प्राकृतिक घटना भी हो सकती है।

गांव में रहने वाले दीपक यादव ने कहा, ‘‘बारिश हर साल होती है। ऐसा पहले कभी क्यों नहीं हुआ?’’

उन्होंने कहा कि कुछ ऐसा हुआ है, जिसने नाले और उसकी पारिस्थितिकी के प्रवाह को बाधित कर दिया है।

वन अधिकारियों ने बताया कि ऐसी खबरें हैं कि मृत मछलियों को खुले बाजार में बेचने के लिए एकत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। वन विभाग मृत मछलियों का पोस्टमार्टम कराने के प्रयास कर रहा है।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)