कोहिमा, 14 जनवरी (भाषा) पिछले साल चार और पांच दिसंबर को मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा 14 नागरिकों की हत्या की जांच के लिए नगालैंड सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) फोरेंसिक परिणाम प्राप्त करने के बाद अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारीदी।
एसआईटी के समग्र पर्यवेक्षक, नगालैंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) संदीप तमगडगे ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि 85 असैन्य नागरिकों और सेना के 31 जवानों समेत 37 सुरक्षा कर्मियों की जांच की गई है और टीम कई बार मौके का दौरा कर चुकी है।
उन्होंने कहा, “मौका-मुआयने से मिली चीजें, मिट्टी और रक्त के नमूने गुवाहाटी और हैदराबाद में केंद्रीय अपराध विज्ञान प्रयोगशालाओं को भेजे गए हैं। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। जैसे ही हमें मिलेगा, हम अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर देंगे जो अदालत में पेश की जाएगी।”
अधिकारी ने कहा कि एक बार अंतिम रिपोर्ट अदालत को सौंप दिए जाने के बाद, हर कोई निष्कर्षों तक पहुंच सकता है, लेकिन उससे पहले नहीं, क्योंकि यह “कानूनी रूप से मान्य” नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “हमने जांच पूरी करने के लिए दिन-रात काम किया है, और हम यहां तक पहुंच गए हैं। यह कहना मुश्किल होगा कि अपराध विज्ञान (फोरेंसिक) प्रयोगशालाओं को कितना समय लगता है। लेकिन हमने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उनसे वैज्ञानिक विश्लेषण में तेजी लाने के लिए विशेष अनुरोध किया है।”
उन्होंने कहा कि चार दिसंबर को ओटिंग-तिरू इलाके में एक मेजर और दो जेसीओ के नेतृत्व में सेना के 31 जवानों के एक दल ने छह कोयला खनिकों और सात अन्य ग्रामीणों को मार गिराया था और इसके बाद पांच दिसंबर को मोन कस्बे में एक अन्य घटना में एक अन्य असैन्य वयक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद तिज़ित पुलिस थाने में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले दर्ज किए गए थे।
राज्य सरकार ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया था और पांच दिसंबर को मामले को कोहिमा में ‘राज्य अपराध पुलिस थाने’ को स्थानांतरित कर एक महीने के अंदर जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे।
भाषा
प्रशांत शाहिद
शाहिद
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