दिल्ली में ‘नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टुबैको सेसेशन’ खोला गया

दिल्ली में ‘नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टुबैको सेसेशन’ खोला गया

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  • Publish Date - May 24, 2022 / 07:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) दिल्ली सरकार ने ‘नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टुबैको सेसेशन (एनआरसी-ओएच-टीसी) का मंगलवार को उद्घाटन किया । इसका मकसद तंबाकू और मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुकता फैलाना है।

दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि यह देश का इस तरह का पहला केंद्र है।

सरकार के एक बयान के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एनआरसी-ओएच-टीसी का उद्घटान किया है।

इस केंद्र की स्थापना तंबाकू और मादक पर्दार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुकता फैलाने और देश के दंत चिकित्सकों को बेहतर प्रशिक्षण देने एवं दंत स्वास्थ्य पर अनुसंधान करने के लिए किया गया है।

बयान में कहा गया है कि देश में कुल 315 दंत कॉलेज हैं जिनमें यह पहला राष्ट्रीय संसाधन केंद्र है।

मंत्री ने एनआरसी-ओएच-टीसी के आधिकारिक लोगो भी जारी किया।

जैन ने कहा कि अधिकतर लोग अब भी अपने मुंह के स्वास्थ्य और दंत स्वच्छता के बारे में जागरूक नहीं हैं और यही कारण है कि युवाओं में भी मुंह के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ सिर्फ तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 70 लाख से ज्यादा मौतें होती हैं। यह लोगों के लिए खतरनाक संकेत है। तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन सेहत के लिए बेहद हानिकारक है।”

बयान में जैन के हवाले से कहा गया है, “ इसके सेवन से कैंसर, अवसाद, नपुंसकता जैसी खतरनाक बीमारियों की आशंका बनी रहती है, लेकिन लोगों को अब भी तंबाकू का सेवन छोड़ना मुश्किल हो रहा है। तंबाकू का सेवन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को कमजोर करता है।”

उन्होंने कहा कि सबको यह समझना चाहिए है कि मुंह की सेहत भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शरीर का स्वास्थ्य है। ऐसे में जरूरी है कि दांतों की सेहत का खास ख्याल रखा जाए।

बयान के मुताबिक, इस केंद्र में दिल्ली समेत देश के दंत चिकित्सकों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम और सत्र आयोजित किए जाएंगे।

जैन ने कहा कि पिछले 10 साल में मौलाना आज़ाद दंत विज्ञान संस्थान में तंबाकू की लत छुड़ाने के लिए 10 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया है।

भाषा नोमान उमा

उमा