नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने यहां ओखला रोड स्थित ‘फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट’ और उसके एक चिकित्सक को एक मरीज को 65 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है, जिसे 2011 में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया के दौरान मस्तिष्क को आघात पहुंचा था।
मरीज फिलहाल बेहोशी की स्थिति में है। यह मस्तिष्क की शिथिलता की एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति में सचेत होने के कोई लक्षण नहीं दिखते।
आयोग के पीठासीन सदस्य न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्य और सदस्य भरत कुमार पंड्या एक महिला द्वारा दायर शिकायत पर सुनवाई कर रहे थे।
इसमें मई 2011 में एंजियोप्लास्टी के दौरान उसके पति को पहुंचे आघात और चिकित्सकीय लापरवाही के लिए मुआवजे की मांग की गई थी।
अपने समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों पर गौर करते हुए आयोग ने कहा, “यह साबित हो गया है कि विपक्षी पक्ष 2 (संस्थान के हृदय विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक सेठ) ने मरीज की फेफड़ों की स्थिति को नजरअंदाज किया और एंजियोप्लास्टी कर दी, जबकि मरीज सह-रुग्ण था और उस समय एंजियोप्लास्टी वैकल्पिक थी, अनिवार्य नहीं।”
इसमें कहा गया है, “वे (अस्पताल और चिकित्सक) यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते कि मरीज और उसकी बेटी चिकित्सक थे और उन्होंने नफे-नुकसान को अच्छी तरह जानते हुए अपनी सहमति दी थी।”
सात अगस्त को दिए गए अपने फैसले में आयोग ने कहा कि मरीज को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
आयोग ने कहा, ‘विपक्षी पक्षों 1 (फोर्टिस एस्कॉर्ट्स) और 2 (सेठ) को संयुक्त रूप से और अलग-अलग निर्देश दिया जाता है कि वे शिकायत दर्ज करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक दो महीने के भीतर छह प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ 65 लाख रुपये का भुगतान करें।’
भाषा
शुभम प्रशांत
प्रशांत
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