अगरतला, 28 फरवरी (भाषा) त्रिपुरा में इंजेक्शन से मादक पदार्थों का सेवन करने वालों में से लगभग 24 फीसदी लोगों के एचआईवी से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिनमें से ज्यादातर 24 से 27 साल आयु वर्ग के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
राज्य ने इंजेक्शन से मादक पदार्थ लेने वाले 3,547 लोगों की पहचान की है जिनमें से 860 एचआईवी से संक्रमित हैं, जिससे एड्स की बीमारी होती है।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ज्यादा चिंता की बात यह है कि 320 छात्रों को इंजेक्शन से मादक पदार्थ का सेवन करने की आदत हो गई है। यह आंकड़े त्रिपुरा राज्य एडस नियंत्रण सोसायटी (टीएसएसीएस) ने एकत्र किए हैं।’’
आंकड़ों के अनुसार, 320 छात्रों में से 120 के एचआईवी से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
अधिकारी ने बताया कि इंजेक्शन से मादक पदार्थ का सेवन करने वाले लोगों में एचआईवी से संक्रमित लगभग 66 फीसदी लोगों की उम्र 24 से 27 साल के बीच की है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह 25 से 30 साल आयुवर्ग की 23.9 फीसदी आबादी के बराबर है।
परिवार कल्याण और निवारक औषधि की निदेशक डॉ राधा देबबर्मा ने कहा, ‘‘इंजेक्शन से मादक पदार्थ का सेवन करने वालों में एचआईवी संक्रमण के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि वे एक ही सिरिंज से मादक पदार्थ लेते हैं, जिससे खतरा बढ़ रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने राज्य में इंजेक्शन से मादक पदार्थ लेने वालों की पहचान करने के लिए जांच की संख्या बढ़ा दी है, ताकि जितनी जल्दी संभव हो उनका इलाज शुरू किया जा सके। इंजेक्शन से मादक पदार्थ लेने वालों और एचआईवी से संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि होने की यह भी एक वजह है।’’
भाषा अर्पणा देवेंद्र
देवेंद्र