नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को देश की समस्या के समाधान और गरीब से गरीब व्यक्ति की जरूरतों की पूर्ति के लिए उद्योग जगत, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं के बीच अधिक तालमेल की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी में तीन-दिवसीय ‘‘पूर्वोत्तर अनुसंधान सम्मेलन 2022’’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘देश की समस्या को हल करने और निर्धनों में निर्धनतम व्यक्ति की जरूरतों की पूर्ति के लिए उद्योग, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के बीच अधिक तालमेल की आवश्यकता है। यह सम्मेलन सभी हितधारकों को एक साथ आने और सहयोग करने के लिए मंच प्रदान करता है। यह सम्मेलन अनुसंधान और नवाचार का एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और इसे एक माप-योग्य चरण में ले जाने में मदद करेगा।’’
आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीताराम ने कहा, ‘‘आईआईटी, गुवाहाटी द्वारा सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन और अनुसंधान और विकास, नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इससे न केवल इस क्षेत्र में एक मजबूत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इंडस्ट्री स्टार्टअप और देश भर के उद्यमियों के साथ नेटवर्किंग में मदद मिलेगी।’’
कॉन्क्लेव के उद्घाटन के बाद आईआईटी, गुवाहाटी और असम सरकार के बीच ‘असम एडवांस्ड हेल्थ इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआई) की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
भाषा सुरेश उमा
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