युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने के लिये ‘समग्र राष्ट्र’ की भावना से काम की जरूरत : सैन्य अधिकारी

युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने के लिये ‘समग्र राष्ट्र’ की भावना से काम की जरूरत : सैन्य अधिकारी

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  • Publish Date - September 28, 2022 / 07:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

नगरोटा (जम्मू), 28 सितंबर (भाषा) सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने के लिए ‘समग्र राष्ट्र’ के दृष्टिकोण की जरूरत है।

सेना की 16वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा कि सरकार का एजेंडा युवाओं को मुख्यधारा में लाने का है और सेना भी इस पर काम कर रही है जिससे जम्मू कश्मीर में शांति व विकास सुनिश्चित हो सके।

जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जीओसी ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘कट्टरपंथ एक ऐसी स्थिति है जिसमें दुश्मन देश युवाओं (जम्मू कश्मीर के) को सही रास्ते से हटा कर गलत रास्ते पर ले जाने का का प्रयास करता है। उन्हें (कट्टरपंथ से) बचाने के लिये हमें समग्र राष्ट्र का नजरिया अपनाने की जरूरत है।’’

युवाओं के बीच बढ़ते कट्टरपंथ से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का एजेंडा युवाओं को मुख्यधारा में लाने का है और सेना इससे इत्तेफाक रखती है जिससे जम्मू कश्मीर में विकास और शांति सुनिश्चित हो सके।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि समग्र राष्ट्र के नजरिये में युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने के लिये परिवार, समाज, धर्मगुरुओं और शिक्षकों की सहभागिता शामिल है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना उनकी मदद कर रही है।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि सेना सोशल मीडिया पर ‘शत्रुतापूर्ण’ प्रोफाइल की पहचान करती है और उनका संचालन करने वालों को परामर्श प्रदान करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सोशल मीडिया पर इस मोर्चे पर सक्रिय रहते हैं। पुलिस के साथ संयुक्त प्रयास में, हम शत्रुतापूर्ण रुख रखने वाली प्रोफाइल की पहचान कर उनमें से कई को परामर्श प्रदान करते हैं।’’

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश