समुद्र की सतह के तापमान संबंधी आंकड़ों के लिए नयी पद्धति विकसित

समुद्र की सतह के तापमान संबंधी आंकड़ों के लिए नयी पद्धति विकसित

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  • Publish Date - April 3, 2022 / 09:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

कोलकाता, तीन अप्रैल (भाषा) आईआईटी-खड़गपुर और डेक्कन कॉलेज पीजीआरआई पुणे के शोधकर्ताओं की एक टीम ने समुद्री तापमान में बदलाव को जानने के लिए एक नयी पद्धति विकसित की है। इसके तहत, मछली जैसे जलीय जीवों द्वारा लगातार स्रावित कैल्शियम कार्बोनेट से समुद्र की सतह के तापमान में पिछले मौसमी बदलाव के बारे में सटीक आंकड़े जुटाए जा सकते हैं।

ये कार्बोनेट मछली के कान की हड्डियों में केंद्रित होते हैं, जिन्हें ओटोलिथ के रूप में जाना जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी)-खड़गपुर ने रविवार को एक बयान में कहा कि ‘रैपिड कम्युनिकेशंस इन मास स्पेक्ट्रोमेट्री’ में प्रकाशित अध्ययन को इंफोसिस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया गया।

इस पद्धति का उपयोग किसी भी प्रकार के जलीय जीवों में किया जा सकता है और जलवायु अध्ययन में इसकी व्यापक संभावनाएं हैं। बयान में कहा गया, ‘‘महत्वपूर्ण जलवायु रिकॉर्ड हर जगह उपलब्ध नहीं हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई जानना चाहता है कि सुंदरबन डेल्टा के बाघ वाले क्षेत्र में पिछले कई वर्षों के दौरान तापमान में कैसे बदलाव आया तो किसी जीवित मछली में ओटोलिथ से इसकी जानकारी मिल सकती है।’’

इस अध्ययन में सहयोग करने वाले डेक्कन कॉलेज की डॉ. आरती देशपांडे मुखर्जी ने कहा, ‘‘हम सिंधु घाटी स्थल के बारे में मछली के ओटोलिथ का अध्ययन कर रहे हैं ताकि यह आकलन किया जा सके कि समय के साथ इसने शानदार सभ्यता के विकास और पतन को कैसे प्रभावित किया।’’

भाषा आशीष नरेश

नरेश