हमारा संविधान सबसे प्राचीन जीवंत सभ्यता के साथ-साथ नये विचारों के मानवतावादी दर्शन से प्रेरित है : राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा। भाषा सुभाष पवनेशपवनेश