श्रीनगर, 22 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कश्मीर में दूध गंगा नदी और ममठ कुल में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है और कहा है कि इन जल निकायों में जल अधिनियम का लगातार उल्लंघन हो रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने अधिकारियों को तथ्यों की पड़ताल करने और कानून के अनुरूप उपचारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
याचिका में कहा गया था कि इन जलाशयों में लगातार गंदा पानी बह रहा है तथा कचरा फेंका जा रहा है जो जल (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 का उल्लंघन है।
एनजीटी ने पांच सदस्यीय समिति गठित करते हुए सोमवार को अधिकारियों को आदेश दिया कि वे तथ्यों की पड़ताल और कानून के अनुरूप उपचारात्मक कार्रवाई करें।
इसने आदेश में कहा, ‘‘हम सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), जम्मू-कश्मीर पीसीसी (प्रदूषण नियंत्रण समिति), उपायुक्त, श्रीनगर और बडगाम और निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय की पांच सदस्यीय संयुक्त समिति का भी गठन करते हैं।’’
अधिकरण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अनुपालन और समन्वय के लिए नोडल एजेंसी होगा।
एनजीटी ने समिति से दो महीने के भीतर ई-मेल के जरिए तथ्यात्मक रिपोर्ट देने को कहा।
मामले में अगली सुनवाई आठ मार्च को होगी।
भाषा नेत्रपाल उमा
उमा
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