नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को चेतावनी दी है कि अगर छह महीने के भीतर ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन में कमियों को दूर नहीं किया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कचरा प्रबंधन में कमियों को दूर करने के लिए और कार्रवाई की जरूरत है।
पीठ ने कहा कि उपचारात्मक कार्रवाई के लिए अनिश्चितकाल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाने की जिम्मेदारी केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों की है।
एनजीटी ने कहा कि विफलता के मामले में अधिकरण के पास जुर्माना लगाने पर विचार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।
पीठ ने अंडमान और निकोबार को ‘द्वीप संरक्षण क्षेत्र’ घोषित करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार तीन महीने के भीतर एकीकृत द्वीप प्रबंधन योजना और एकीकृत तटीय विनियमन क्षेत्र योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया।
एनजीटी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नगर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के अनुपालन की निगरानी कर रहा है।
भाषा नेत्रपाल मनीषा
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