एनआईए छापे: पीएफआई का केरल में शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान |

एनआईए छापे: पीएफआई का केरल में शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान

एनआईए छापे: पीएफआई का केरल में शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : September 22, 2022/6:32 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 22 सितंबर (भाषा) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की अगुवाई में कई एजेंसियों द्वारा उसके कार्यालयों, नेताओं के घरों और अन्य परिसरों में छापेमारी के विरोध में 23 सितंबर को हड़ताल का बृहस्पतिवार को आह्वान किया। ये छापेमारी देश में आतंकी गतिविधियों का कथित तौर पर समर्थन करने के लिए की गई थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने हालांकि इस प्रस्तावित हड़ताल को ‘‘अनावश्यक’’ बताया और राज्य सरकार से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।

भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि पीएफआई द्वारा पूर्व में आहूत सभी हड़ताल में दंगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्राधिकारियों को लोगों के जीवन और संपत्ति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएफआई बाहुबल के जरिये आतंकवाद के मामलों से निपटने की कोशिश कर रहा है और उसके नेतृत्व से यह ध्यान रखने को कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है न कि एक धार्मिक राष्ट्र।

सुरेंद्रन ने एक बयान में कहा कि अनावश्यक हड़ताल के खिलाफ उच्च न्यायालय के कड़े रूख के बावजूद राज्य में वामपंथी सरकार वोट बैंक पर नजर रखते हुए पीएफआई के प्रति नरम रुख दिखा रही है।

पीएफआई ने यहां एक बयान में कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में केरल में शुक्रवार को सुबह से शाम तक की हड़ताल का आह्वान किया गया है। बयान में कहा गया है कि इसकी राज्य समिति ने महसूस किया कि संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ का हिस्सा थी।

पीएफआई के प्रदेश महासचिव ए अब्दुल सत्तार ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नियंत्रण वाली फासीवादी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके असहमति की आवाज को दबाने के प्रयास के खिलाफ राज्य में 23 सितंबर को हड़ताल की जायेगी।’’ उन्होंने कहा कि सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक हड़ताल की जायेगी।

सुबह जैसे ही छापों की खबर आयी तो पीएफआई कार्यकर्ताओं ने उन स्थानों की ओर मार्च निकाला, जहां छापे मारे गए और केंद्र तथा उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ नारे लगाए। बहरहाल, ऐसे सभी स्थानों पर पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी थी।

पीएफआई के एक सूत्र ने यहां बताया कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्णाकुलम और त्रिशूर समेत लगभग सभी जिलों में विरोध मार्च निकाले गए।

सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘छापे मुख्यत: (पीएफआई) प्रदेश और जिला समितियों के कार्यालय तथा उसके पदाधिकारियों के आवास पर मारे गए। हालांकि, शुरुआत में हमें लगा कि प्रवर्तन निदेशालय ने छापे मारे हैं लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया कि यह एनआईए की कार्रवाई है।’’

सूत्र ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने केरल से पीएफआई के राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तर के नेताओं समेत 14 पदाधिकारियों को हिरासत में लिया है।

उसने बताया कि पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सी. पी. मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. एम. ए. सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन इलामरम उन व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्हें हिरासत में लिया गया है।

स्थानीय मीडिया ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिरासत में लिए गए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कोच्चि में एनआईए कार्यालय लाया जाएगा।

‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ मौलवी ने बताया कि त्रिशूर के उसके एक नेता के आवास पर भी छापा मारा गया।

उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जो देश के संविधान में यकीन रखते हैं और उसके अनुरूप काम करते हैं, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शासित भारत में अपने खिलाफ ऐसे फासीवादी कदम की उम्मीद कर सकते हैं।

मौलवी ने कहा, ‘‘ऐसे कृत्यों से असल में केंद्र संविधान विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो रहा है। जनता को देश की रक्षा करने के लिए ऐसे कदमों के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां लोकतांत्रिक तरीके से काम कर रहे संगठनों के खिलाफ भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही हैं और राष्ट्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श करने के बाद ऐसे कृत्यों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने यह भी दावा किया कि छापों के दौरान जो दस्तावेज कथित तौर पर जब्त किए गए हैं, वे संगठन द्वारा अपने प्रचार अभियान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जनसंपर्क संबंधी कागजात हैं।

भाषा देवेंद्र अमित

अमित

 

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