उधगमंडलम (तमिलनाडु), आठ अक्टूबर (भाषा) नीलगिरि जिले के वनक्षेत्र में एक संदिग्ध नरभक्षी की तलाश के दौरान विभिन्न स्थानों पर बाघों के पदचिह्न मिले तो हैं लेकिन टी-23 नामक नरभक्षी का कुछ पता नहीं चल पाया । मुख्य वन्यजीव वार्डन डॉ. शेखर कुमार नीरज ने यह बात कही।
गुडालूर के जंगल में एक टीम की अगुवाई कर रहे नीरज ने कहा कि टी-23 कहीं दूर नहीं गया है और शायद आसपास ही कहीं घूम रहा है, इसलिए खोज जारी है।
टी-23 (नरभक्षी) बाघ ने हाल के दिनों में चार लोगों एवं 20 मवेशियों को मार डाला है। वनसीमा पर स्थित गांवों के लोग इस नरभक्षी से डरे हुए हैं जो घात लगाकर हमला करता है। उसका पता लगाने के लिए हाथियों एवं खोजी कुत्तों की मदद ली गयी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसे पकड़ने के लिए कैमरे और जाल भी उपयोग किये गये।
यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया और पशुप्रेमी कार्यकर्ताओं ने कहा कि उसे किसी भी कीमत पर मारा नहीं जाना चाहिए। वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे उसे फंसाने का प्रयास कर रहे हैं और उनका उसे मार डालने का कोई इरादा नहीं है। मद्रास उच्च न्यायालय ने उसे मारने नहीं, बल्कि पकड़ने का आदेश दिया है जिसके बाद चार टीमें पशुचिकित्सकों एवं मेडिकल टीमों की मदद से उसे पकड़ने एवं बेहोश करने के काम में लगी हैं।
भाषा राजकुमार नरेश
नरेश
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