केंद्र और राज्यों में टीबी रोधी दवाओं की कोई कमी नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री

केंद्र और राज्यों में टीबी रोधी दवाओं की कोई कमी नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री

केंद्र और राज्यों में टीबी रोधी दवाओं की कोई कमी नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री
Modified Date: December 9, 2025 / 06:01 pm IST
Published Date: December 9, 2025 6:01 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि आवश्यक टीबी-रोधी दवाओं रिफैम्पिसिन और एथैम्बूटॉल की केंद्र और राज्य स्तरीय भंडारों में कोई कमी नहीं है।

पटेल ने हाल के महीनों में तपेदिक रोधी प्रमुख दवाओं की कमी, केंद्रीय क्षय रोग प्रभाग द्वारा निविदा को अंतिम रूप देने में विलंब के कारण और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के उपायों से जुड़े प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि एनटीईपी देशभर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत लागू किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा, “केंद्रीय और राज्य गोदामों में रिफैम्पिसिन और एथैम्बूटॉल सहित किसी भी प्रमुख तपेदिक रोधी दवा की कोई कमी नहीं है। वर्ष 2025-27 के लिए सभी दवाओं, जिनमें नयी और कम अवधि की उपचार योजनाओं की दवाएं शामिल हैं, के लिए दर अनुबंध मॉडल स्थापित किया गया है और पर्याप्त बफर स्टॉक भी सुनिश्चित किया गया है।”

उनके अनुसार, गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें समय पर खरीद एजेंसी को ब्यौरा भेजना, डीवीडीएमएस (दवाएं एवं टीका वितरण प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से उपलब्धता और उपयोग की ‘रियल-टाइम’ निगरानी, राज्य, जिले और राष्ट्रीय टीमों द्वारा क्षेत्रीय दौरों के दौरान नियमित स्टॉक सत्यापन तथा राज्य एवं जिला स्तर पर सतत निगरानी शामिल हैं।

इसके अलावा, दवाओं, आवश्यक निदान सामग्रियों और किट की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खरीद एजेंसी के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं के साथ समन्वय भी बढ़ाया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट’ 2025 के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत में तपेदिक के अनुमानित 21.7 लाख मामले और लगभग तीन लाख मौतें दर्ज की गईं।

भाषा मनीषा अविनाश

अविनाश


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