रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम की नहीं, राजनीति में लिप्त संतों की आलोचना की: ममता

रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम की नहीं, राजनीति में लिप्त संतों की आलोचना की: ममता

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  • Publish Date - May 20, 2024 / 07:55 PM IST,
    Updated On - May 20, 2024 / 07:55 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

ओंडा/पांसकुड़ा (प. बंगाल), 20 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ की उनके परोपकारी कार्यों के लिए प्रशंसा करते हुए सोमवार को कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की थी।

बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि दोनों मठों के कुछ संत-संन्यासी ‘‘भाजपा के निर्देश पर’’ काम कर रहे हैं।

ममता के इस बयान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीखी आलोचना की। मोदी ने आरोप लगाया कि ममता ‘‘मुस्लिम चरमपंथियों के दबाव में हैं’’ और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वोट बैंक को ‘‘तुष्ट’’ करने के लिए इन सामाजिक-धार्मिक संगठनों को धमकी दे रही हैं।

बांकुड़ा के ओंडा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ नहीं हूं, मैं किसी संस्था के खिलाफ क्यों होऊं या उसका अपमान क्यों करूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक या दो लोगों के बारे में बात की।’’

मुख्यमंत्री ने भारत सेवाश्रम संघ की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह लोगों के लिए काम करता है। बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने कार्तिक महाराज के बारे में बात की थी, उन्होंने रेजिनगर में तृणमूल कांग्रेस के एजेंट को (मतदान केंद्र में) बैठने की अनुमति नहीं दी थी।’’

उन्होंने दावा किया कि मुर्शिदाबाद जिले में भारत सेवाश्रम संघ के संत (महाराज) भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब रेजिनगर में दो समूहों के बीच झड़प हुई, तो उन्होंने लोगों को भड़काया।

बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर वह भाजपा के लिए काम करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें भाजपा का ‘बैज’ (बिल्ला) पहनकर ऐसा करना चाहिए।’’

अतीत में रामकृष्ण मिशन के लिए अपने कार्यों को जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कोलकाता में स्वामी विवेकानंद के घर को कोलकाता नगर निगम से अधिग्रहण करवाकर उसे बिकने से बचाया।

बनर्जी ने कहा कि भगिनी निवेदिता दार्जिलिंग में जिस घर में रुकी थीं, उसे भी उन्होंने ही बचाया, इसके अलावा मेट्रो रेलवे स्टेशन से दक्षिणेश्वर मंदिर तक स्काईवॉक का निर्माण भी कराया था।

उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल ‘इंडिया’ गठबंधन को बढ़त दिलाएगा और दिल्ली से भाजपा को ‘‘उखाड़ फेंकेंगा।’’

बनर्जी बिष्णुपुर से टीएमसी उम्मीदवार सुजाता मंडल और बांकुड़ा से उम्मीदवार अरूप चक्रवर्ती के लिए प्रचार कर रहीं थीं।

घाटाल से टीएमसी उम्मीदवार देव के लिए पांसकुड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि टीएमसी को अधिकतम सीटें मिलने से यह सुनिश्चित होगा कि वह केंद्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को सरकार बनाने में पूरी तरह से मदद कर सकेगी।

बनर्जी ने कहा, ‘‘यह वोट दिल्ली के लिए है…अगर हम आपके वोट से हर सीट जीत सकते हैं, तो हम ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा बनाई जाने वाली सरकार की मदद कर सकते हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी की ‘गारंटी’ को झूठा बताते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘क्या आपको अपने खातों में 15 लाख रुपये मिले? उनकी कथनी करनी में कोई समानता नहीं है।’’

बनर्जी ने विपक्षी दलों पर नियुक्तियां रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मैंने 10 लाख नौकरियां तैयार रखी हैं।’’

बनर्जी ने कहा कि आदिवासियों और अनुसूचित जातियों का आरक्षण कोई छीन नहीं सकता, क्योंकि यह एक संवैधानिक गारंटी है। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी सरकार ने अपने सभी वादे पूरे किये हैं।

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संदेशखालि की महिलाओं के संबंध में साजिश रची, जहां स्थानीय टीएमसी नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुआ।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ 2007 में नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दिनों को याद करते हुए, बनर्जी ने कहा कि वह तत्कालीन राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी की मदद के लिए हमेशा आभारी रहेंगी।

बनर्जी ने वर्तमान राज्यपाल सी वी आनंद बोस का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह (गांधी) बहुत उत्कृष्ट व्यक्ति हैं, लेकिन मैं वर्तमान राज्यपाल के बारे में बात नहीं करूंगी।’’

बनर्जी ने माकपा पर उनके विपक्ष में रहने के दौरान तत्कालीन अविभाजित मेदिनीपुर जिले के लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। बाद में, मुख्यमंत्री ने पार्टी की उम्मीदवार जून मालिया के समर्थन में मेदिनीपुर शहर में एक रोड शो किया।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप