अब संस्कृतिक रिश्तों में भी दिखने लगा भारत चीन तनाव का असर
अब संस्कृतिक रिश्तों में भी दिखने लगा भारत चीन तनाव का असर
भारत और चीन के बीच सिक्किम सीमा को लेकर विवाद इतना बढ गया हैं कि इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर साफ देखा जा सकता है। अब चीन भारत के साथ संस्कृतिक रिश्तों को भी नजर अंदाज कर रहा। कलतक जो चीन हमें अपनी यहा आने के लिये न्यौता दे रहा था वही चीन अब बदल गया है ।
दरसअल इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि अगले माह चाइना में आयोजित किये जाने वाले एतिहासिक स्मारकों के फेस्टिवल में भारत की भागीदारी टल सकती है। इसकी वजह साफ है भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद ही है। ग्वालियर के गूजरी महल संग्रहालय में मौजूद दो पाषण मुर्तियों को अगले माह चाइना जाना था।चाइना में एक स्पेशल फेस्टिवल में विश्व की दुर्लभ पाषण स्तंभ या मुर्तियों को प्रदर्शित किया जाना था।
गुजरी संग्रहालय के अधिकारियों का कहना हैं कि इस सबंध में चाइना से जानकारी आ जानी चाहिए थी। जो अबतक नही आई। जबकि कुछ माह पहले चाइना का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने ग्वालियर की वीजिट के दौरान चाइनीज एक्सपर्ट ने गूजरी महल की दो मुर्तियों की विलक्षणता की वजह से फेस्टिवल के लिये सिलेक्ट किया था। इसके फोटोग्राफ से लेकर इसकी विशेषताये तक बाकयदा रिकाॅर्ड की गई थी। गूजरी महल में चाइना के एक शिष्ट मंडल ने बाकयदा कई घंटे गुजारने के बाद केवल दो मुर्तियों को वल्र्ड क्लास माना था।
जिसे चीन में आयोजित किये जाने वाले फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाता। चाइनीज शिष्ट मंडल ने जिन दो मुर्तियों को फेस्टिवल के लिये सिलेक्ट किया है उनमें पदम पवाया से मिली दो मुखी सूर्य प्रतिमा और यही का विशेष सिरदल है। जिसमें बेहद खूबसूरत नक्कासी की गई है ।

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